द लाइट विदिन: सिप्रा दास
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को सिप्रा दास द्वारा लिखित पुस्तक ‘द लाइट विदिन’ 19 नवम्बर 2013 को भेंट की गई. इस पुस्तक का लोकार्पण दो नेत्रहीन व्यक्तियों ने एक समारोह में किया.
पुस्तक ‘द लाइट विदिन’
पुस्तक ‘द लाइट विदिन’ समाज के उन नेत्रहीन लोगों के बारे में है, जिन्होंने आश्चर्यजनक सफलता हासिल की है. पुस्तक में कई ऐसे लोगों के साक्षात्कार हैं, जो घर और बाहर दोनों जगह शोषण का शिकार हुए हैं. कुछ लोगों को बैंक ऋण इसलिए नहीं मिला क्योंकि वह नेत्रहीन थे तो कुछ लोगों के सामने अन्य कठिनाइयां आईं. मानव सभ्यता के इतिहास में यह धारणा रही है कि नेत्रहीन व्यक्ति के पास आंतरिक दृष्टि होती है. यह आंतरिक दृष्टि सिप्रा दास की पुस्तक ‘द लाइट विदिन’ की विषय वस्तु है.
विदित हो कि इस अवसर पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि “सारी बाधाओं के बावजूद साहस, दृढ़ता और विश्वास के साथ तमाम बाधाओं के बावजूद लक्ष्य हासिल किया जा सकता है.” राष्ट्रपति ने इसके साथ ही स्कूलों बच्चों तथा तकनीकी और इंजीनियरिंग संस्थानों के विद्यार्थियों का आहवान किया कि वे पुस्तक में वर्णित बहादुर लोगों के अनुभवों का लाभ उठाएं.
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