राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने वर्ष 2013 के लिए निम्न व्यक्तियों को जीवन रक्षा पदक देने को स्वीकृति 6 जनवरी 2014 को प्रदान की. सर्वोत्तम जीवन रक्षा पदक के तहत 3, उत्तम जीवन रक्षा पदक के तहत 6 और जीवन रक्षा पदक के तहत 28 लोगों का चयन किया गया.
सर्वोत्तम जीवन रक्षा पदक मास्टर एम. खायिंगठी (मरणोपरांत), मणिपुर, सौम्या गंजन बिस्वाल (मरणोपरांत), ओड़ीशा और मास्टर रामदिनथारा (मरणोपरांत), मिजोरम को प्रदान किया गया.
शाशवाथ राज, कर्नाटक, अर्जुन उली, उत्तराखंड, मास्टर तरंग अतुल भाई मिस्त्री, गुजरात, मास्टर मुकेश निषाद, छत्तीसगढ़, मास्टर विषणु एम. वी. केरल, मास्टर स्ट्रीप्लीजमैन मुलियम, मेघालय को उत्तम जीवन रक्षा पदक प्रदान किया गया.
जीवन रक्षा पदक
जीवन रक्षा पदक मानवीय आधार पर किसी के प्राणों की रक्षा करने के सराहनीय कार्य के लिए दिए जाते हैं. यह पुरस्कार तीन श्रेणियों में दिए जाते हैं- सर्वोत्तम जीवन रक्षा पदक, उत्तम जीवन रक्षा पदक और जीवन रक्षा पदक. किसी भी लिंग और क्षेत्र के व्यक्तियों को इन पदकों के लिए योग्य समझा जा सकता है. इस पुरस्कार को मरणोपरांत भी दिए जाने का प्रावधान है.
पुरस्कार के रूप में एक मैडल, गृहमंत्री के हस्ताक्षर वाला एक प्रमाण पत्र और पुरस्कार राशि का डिमांड ड्राफ्ट पुरस्कृत व्यक्ति को दिया जाता हैं. पुरस्कार विजेता जिस राज्य का निवासी हो वहां की सरकार उसे यह पुरस्कार प्रदान करती है. पुरस्कार राशि के तौर पर सर्वोत्तम श्रेणी में एक लाख, उत्तम श्रेणी में 60 हजार और जीवन रक्षा पदक विजेता को 40 हजार रूपये दिए जाते हैं.
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