शहरी क्षेत्र के गरीबों को उचित और सक्षम स्वास्थ्य व्यवस्था मुहैया कराने के मकसद से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन (National Urban Health Mission) का शुभारंभ 20 जनवरी 2014 को बंगलौर में किया. यह योजना कर्नाटक में बंगलौर के साथ मैंगलोर व मैसूर, उल्लाल और बागलकोट आदि शहरों में भी शुरू की गई.
राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के उद्देश्य
• शहरी जनसंख्या विशेष रूप से गरीब और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए स्वास्थ्य देखभाल की स्थिति में सुधार करना.
• सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणालीयों को मजबूत बनाना.
• स्वास्थ्य सेवा वितरण प्रणाली में स्थानीय समुदायों और शहरी स्थानी निकायों को शामिल करना.
• एकीकृत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य एक पूरक है.
विशेष ध्यान
• असूचीबद्ध मलिन बस्तियों में रहने वाले शहरी गरीबों की जनसंख्या को सूचीबद्ध करना.
• अन्य सभी असुरक्षित आबादी जैसे- बेघर, खपरैल बीनने वाले, सड़कों पर रहने वाले बच्चों, रिक्शा चालकों, निर्माण स्थल कार्यकर्ताओं, यौनकर्मियों और किसी भी अन्य अस्थायी प्रवासियों पर ध्यान देना.
राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन की विशेषताएं
• 5 लाख की आबादी से ज्यादा शहरों के लिए 30-100 बिस्तरों के शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र.
• प्रत्येक 50000 की आबादी के लिए के लिए बस्तियों की तरह मलिन बस्तियों के अंदर या आसपास शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र.
• शहरी आबादी के सबसे कमजोर वर्गों के लिए विशेष सत्र.
• प्रत्येक 10,000-12,000 आबादी के लिए एक एएनएम.
• प्रत्येक 200-500 मलिन बस्तियों और शहरी गरीब परिवारों के लिए एक आशा.
• प्रत्येक 50-100 मलिन बस्तियों और शहरी गरीब परिवारों के लिए महिला आरोग्य समिति के माध्यम से समुदायों का सशक्तिकरण.
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