भारतीय रेल विश्व की सबसे बड़ी रेल व्यवस्था में से एक है. आज़ादी के पहले अंग्रजों के द्वारा बनाए गए इस रेल व्यवस्था को सुचारू ढंग से चलाने के लिए समय समय पर इसके संरचनात्मक ढांचा में रख-रखाव की जरूरत पड़ती है. अबकी बार रेलमंत्री इस डिपार्टमेंट पर कुछ ध्यान देती नज़र आ रही हैं. बजाय आयात के रेलवे के संरचनात्मक ढांचा के विकास के लिए जरूरी चीजों का देश में ही उत्पादन पर प्राथमिकता देते हुए ममता बनर्जी ने निम्न प्रोजेक्ट पर विशेष कर ध्यान दिया है:
1. आईआईटी खड़गपुर में रेल अनुसंधान केंद्र: रेल प्रौद्योगिकी के मुख्य क्षेत्रों और इसके स्वदेशीकरण पर जोर देते हुए आईआईटी खड़गपुर के साथ समझौता ज्ञापन के तहत रेल अनुसंधान केंद्र बनाने का प्रस्ताव रखा गया. साथ ही एनआईटी, सीएसआईआर और डीआरडीओ जैसे संस्थानों से सम्बन्ध की बात पर भी बल दिया.
2. न्यू जलपाईगुड़ी में रेल धुरा कारखाना: रेल पहियों के निर्माण पर हमेशा से जोर दिया जाता रहा है, पर धुरा निर्माण उपेक्षित रहा है. धुरा के आयात पर निर्भरता को दूर करने के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी/संयुक्त उद्यम (पीपीपी) के माध्यम से एक नया धुरा रेल कारखाना स्थापित करने का प्रस्ताव रखा गया.
3. उच्च गति के यात्री रेल कॉरिडोर: भारतीय रेलवे की यह महत्वाकांक्षी योजना है, जो भविष्य में 250 से 350 कि.मी. प्रतिघंटे की रफ़्तार से चलने वाली ट्रेनों के लिए है. अधिक निवेश को ध्यान में रखते हुए पीपीपी मॉडल के जरिये इसके निष्पादन का प्रस्ताव रखा गया. परियोजना के मानक निर्धारण, कार्यान्वयन और निगरानी के लिए राष्ट्रीय उच्च गति रेल प्राधिकरण स्थापित करने का भी प्रस्ताव रखा गया.
4. प्रशीतित कंटेनर कारखाना: किसानों के हितों का ख्याल रखते हुए, उनके अनाज या फसलों के सुरक्षित आवागमन के लिए किसान विज़न परियोजना की शुरुआत की गई. इसके लिए पीपीपी मॉडल के जरिये एक प्रशीतित कंटेनर कारखाना स्थापित किये जाने का प्रस्ताव भी रखा, जो अब तक रेलवे के पास नहीं थी.
5. चितरंजन रेल कारखाने की क्षमता को मौजूदा 200 रेल इंजनों से 275 तक वृद्धि करने एवं इसके आधुनिकीकरण का प्रस्ताव रखा गया.
6. सवारी डिब्बों की कमी से निपटने के लिए राय बरेली, कांचरापाड़ा और पालघाट में नए सवारी डिब्बे कारखाने स्थापित करने का प्रस्ताव रखा.
7. संकरेल में पीपीपी के माध्यम से डीजल मल्टीपल यूनिट (डीएमयू) कारखाने की स्थापना का प्रस्ताव.
8. बडनेरा में माल डिब्बा मरम्मत कारखाना स्थापित करने का प्रस्ताव.
9. बंगलुरू में रेल पहियों के डिजाईन, विकास और परीक्षण केंद्र की स्थापना का प्रस्ताव.
10. अनारा (आद्रा) में 250 सवारी डिब्बों की क्षमता वाला सवारी डिब्बा मध्यावधि पुनर्स्थापन (एमएलआर) कारखाना की स्थापना का प्रस्ताव. इससे सवारी डिब्बों का जीर्णोद्धार होकर उनकी उम्र बढ़ जाती है.
11. माल डिब्बों के उत्पादन में वृद्धि के लिए पीपीपी के माध्यम से सिकंदराबाद, बर्धमान, भुवनेश्वर/कालाहांडी, गुवाहाटी और हल्दिया में पांच आधुनिक माल डिब्बा कारखाने की स्थापना का प्रस्ताव.
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