आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने वनस्पतियों से बने रिफाइंड खाद्य तेलों पर आयात शुल्क को 7.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत करने की मंजूरी 9 जनवरी 2014 को प्रदान की. यह मंजूरी घरेलू रिफाइंड उद्योग और घरेलू किसानों के संरक्षण के लिए अपरिष्कृत और रिफांइड वनस्पति तेलों पर आयात शुल्क के बीच तार्किक अंतर बनाए रखने के लिए दी गई.
केंद्र सरकार की इस पहल से रिफाइंड खाद्य तेल के दाम में वृद्धि हो सकती है लेकिन इससे सरकार को राजस्व के रूप में 600 करोड़ रुपए मिलेंगे.
व्याख्या: स्थानीय रिफाइनरी कंपनियां मौजूदा समय में अपनी क्षमता से कम काम कर रही हैं. जिससे किसान भी प्रभावित होते हैं क्योंकि विदेशों से कच्चा खाद्य तेल खरीदने के मुकाबले रिफाइंड खाद्य तेलों का आयात कहीं अधिक लाभप्रद साबित हो रहा है.
विदित हो कि इस मंजूरी के ठीक पूर्व तक कच्चे खाद्य तेल पर 2.5 फीसद आयात शुल्क है. भारत प्रतिवर्ष एक करोड़ टन वनस्पति तेलों का आयात करता है जो घरेलू आवश्यकता का 50 फीसद है.
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