यूनियन कार्बाइड कॉरपोरेशन के पूर्व अध्यक्ष वारेन एम एंडरसन का निधन हो गया. उनका निधन वेरो बीच फ्लोरिडा के एक नर्सिंग होम में 29 सितंबर 2014 को हुआ था, लेकिन उनकी मौत की घोषणा उनके परिवार द्वारा नहीं की गई थी. इसकी पुष्टि सार्वजनिक रिकॉर्ड से अक्टूबर 2014 के अंत में हुई. वारेन एम एंडरसन को वर्ष 1984 के भोपाल गैस त्रासदी के लिए दोषी ठहराया गया था. मृत्यु के समय वह 92 वर्ष के थे.
वारेन एम एंडरसन के बारे में
• वह एक अमेरिकी व्यापारी थे जो 1984 में भोपाल आपदा के समय यूनियन कार्बाइड कारपोरेशन के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में कार्यरत रहे.
• वारेन एम एंडरसन को 1 फ़रवरी 1992 को भोपाल के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा आधिकारिक तौर पर एक भगोड़े के रूप में चिह्नित किया गया था. न्यायाधीश ने गैर इरादतन हत्या के एक मामले में सुनवाई के दौरान उपस्थित नहीं होने के कारण उन्हे भगोड़ा कहा था.
• केंद्र सरकार ने कई बार उनके प्रत्यर्पण के लिए अमेरिकी सरकार से अनुरोध किया लेकिन वर्ष 2003 में पहली प्रत्यर्पण अनुरोध के बाद से ही सुबूत की कमी का हवाला देते हुए अमेरिकी सरकार ने हमेशा इस अनुरोध को ठुकरा दिया.
• दुर्घटना के चार दिन बाद एंडरसन भोपाल आये थे वहां पहुँचते ही उनको गिरफ्तार कर लिया गया था लेकिन उनको तुरन्त ही ज़मानत मिल गयी थी जिसके बाद से वह मुकदमे की कार्यवाही का सामना करने के लिए कभी भी भारत नहीं लौटे.
1984 भोपाल गैस त्रासदी के बारे में
भोपाल आपदा को भोपाल गैस त्रासदी भी कहा जाता है. ये 2 और 3 दिसम्बर 1984 की रात को भारत में हुई गैस रिसाव की एक बड़ी दुखद घटना थी. इस आपदा को दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक आपदा के रूप में भी माना जाता है.
एक संयंत्र में रासायनिक प्रतिक्रिया के कारण ये घटना घटी. इस संयंत्र में रासायनिक प्रतिक्रिया के कारण कीटनाशक गैस (मिथाइल आइसोसाइनेट-एमआईसी) और अन्य रसायनों का रिसाव हुआ. फलस्वरूप ये त्रासदी हुई थी. मध्य प्रदेश सरकार के आंकड़ों के अनुसार इस घटना में 3787 लोगों की मृत्यु हुई थी. जबकि,अनौपचारिक अनुमान के अनुसार मरने वालों की संख्या 10,000 से भी अधिक थी.
लगभग 5 लाख लोग जो संयंत्र के पास और नगरों के चारों ओर रहते थे इस संयत्र से निकले हुए विषाक्त पदार्थ से प्रभावित हुए थे.

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