केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने ‘स्वच्छ भारत मिशन’ (Swachh Bharat Mission, SBM) के क्रियान्वयन का मूल्यांकन 3 अप्रैल 2015 को जारी किया. इसके अनुसार वर्ष 2014-15 के दौरान गुजरात ‘स्वच्छ भारत मिशन’ को लागू करने में देश के सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में सबसे से आगे (प्रथम) रहा. ‘स्वच्छ भारत मिशन’ के तहत वर्ष 2014-15 में कुल 270069 घरों में बने शौचालयों में से 60 प्रतिशत अकेले गुजरात में बने.
वित्तीय वर्ष 2014-15 के दौरान स्वच्छ भारत मिशन हेतु जारी राशि
केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर वित्तवर्ष 2014-15 के दौरान 900 करोड़ रुपये की मंजूरी प्रदान की. राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 700 करोड़ रुपये दिए गए.
घरेलू शौचालय
वित्तीय वर्ष 2014-15 के दौरान देश भर के घरों में कुल 270069 शौचालयों का निर्माण किया गया जिसमें से कुल 165376 शौचालय अकेले गुजरात में बनाए गए. यह देश के कुल शौचालयों का 60 फीसदी है. इस दौरान दूसरे स्थान पर मध्य प्रदेश रहा, जहां 99151 घरेलू शौचालयों का निर्माण किया गया जबकि तीसरे स्थान पर कर्नाटक रहा, जहां 4697 शौचालयों का निर्माण किया गया.
ठोस कचरा प्रबंधन
ठोस कचरा प्रबंधन को भी प्रोत्साहित करने में गुजरात अन्य राज्यों की तुलना में सबसे आगे (प्रथम) रहा. इसने राज्य के 195 में से 120 शहरों के नगरपालिकाओं के ठोस कचरे का संग्रह और उसे निपटान स्थल पर पहुंचाने में 100 प्रतिशत सफलता हासिल की.
इसके बाद ओडिशा के 107 शहरों और कर्नाटक के 47 शहरों में यह काम हुआ. कुल 4041 वैधानिक शहरों में से 329 में ही नगरपालिकाओं के कचरे का 100 प्रतिशत संग्रह हुआ और उसे निपटान स्थल तक ले जाया गया.
सामुदायिक शौचालय
सामुदायिक शौचालय सीटें बनाने में ओडिशा दूसरे राज्यों से आगे रहा. यहां वर्ष 2014-15 में 740 शौचालय सीटें बनाई गईं. अंडमान और निकोबार में 200 सामुदायिक शौचालय सीटें बनाई गईं, जबकि कर्नाटक में यह संख्या 100 रही. वर्ष 2014-15 के दौरान कुल 1222 सामुदायिक शौचालय सीटें बनाई गईं.
स्वच्छ भारत मिशन (Swachh Bharat Mission, SBM)
‘स्वच्छ भारत मिशन’ का प्रारंभ 2 अक्टूबर 2014 को हुआ था. इसका लक्ष्य महात्मा गांधी की 150वीं जयंती यानी 2 अक्टूबर 2019 तक पूरे देश के 4041 वैधानिक शहरों और नगरों में पूरी तरह स्वच्छता सुनिश्चित करना है.
शहरी क्षेत्रों में खुले में शौच की समस्या खत्म करने के लिए शौचालयों का निर्माण इस मिशन की प्राथमिकता है.
पांच वर्ष के स्वच्छता मिशन के तहत 62009 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रावधान किया गया है. इसके तहत घरों में 1.04 करोड़ शौचालयों, 2.51 लाख सामुदायिक शौचालय सीटों और 2.55 लाख सार्वजनिक शौचालय सीटों का निर्माण किया जाना है. इसके तहत 37 करोड़ शहरी लोगों को ठोस कचरा प्रबंधन में सहायता दी जाएगी.
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