केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) द्वारा 30 नवंबर 2010 को जारी आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2010-11 की दूसरी तिमाही में आर्थिक विकास दर 8.9 प्रतिशत रही. वित्त वर्ष 2009-10 की इसी अवधि में ये विकास दर 8.7 प्रतिशत थी. सीएसओ द्वारा वित्त वर्ष 2010-11 की पहली तिमाही की विकास दर में संशोधन करके इसे 8.8 प्रतिशत से 8.9 प्रतिशत किया गया. ऐसा कृषि और विनिर्माण क्षेत्र के अच्छे प्रदर्शन के कारण संभव हो पाया. इस प्रकार कुल मिलाकर पहली छमाही की (अप्रैल-सितम्बर 2010-11) जीडीपी वृद्धि 8.9 प्रतिशत हो गई. सीएसओ द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2010-11 की दूसरी तिमाही के दौरान कृषि क्षेत्र की विकास दर 4.4 प्रतिशत रही, जो वित्त वर्ष 2009-10 की इसी अवधि में 0.9 प्रतिशत थी. अगस्त और सितम्बर में औद्योगिक उत्पादन की धीमी रफ़्तार के बावजूद दूसरी तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र में 9.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई.
बुनियादी क्षेत्र के उद्योगों के अक्टूबर माह के आंकड़े भी 30 नवंबर 2010 को जारी हुए जिसमें वृद्धि दर 7 प्रतिशत रही जबकि वर्ष 2009 की समान अवधि में यह सिर्फ 3.9 प्रतिशत थी.
विदित हो कि वैश्विक वित्तीय संकट के समय 2008-09 में जीडीपी वृद्धि दर घटकर 6.7 प्रतिशत रह गई थी. अर्थव्यवस्था में प्रोत्साहन पैकेज की बदौलत 2009-10 में इसमें सुधार हुआ और यह बढ़कर 7.4 प्रतिशत हो गई. अच्छे मानसून के बदौलत वित्त वर्ष 2010-11 की पहली छमाही में कृषि व संबद्ध क्षेत्र की वृद्धि दर 3.8 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गई, जबकि वित्त वर्ष 2009-10 में कृषि क्षेत्र की वृद्धि 0.1 प्रतिशत थी. जो पिछले 5 वर्षों में सबसे कम है. सरकार ने 11वीं पंचवर्षीय योजना(2007-12) में कृषि क्षेत्र में 4प्रतिशत वृद्धि का लक्ष्य निर्धारित किया है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation