वित्त वर्ष 2011-12 की चौथी तिमाही यानी मार्च 2012 के अंत तक भारत का सकल घरेलू उत्पाद 5.3 प्रतिशत दर्ज किया गया. केन्द्रीय सांख्यिकी संगठन ने यह आंकड़ा 31 मई 2012 को जारी किया. आंकड़ों के अनुसार भारत की वार्षिक सकल घरेलू उत्पाद वित्त वर्ष 2010-11 के 8.4 प्रतिशत के मुकाबले वर्ष 2011-12 में घटकर 6.5 प्रतिशत पर आ गई.
केन्द्रीय सांख्यिकी संगठन द्वारा वित्त वर्ष 2011-12 के दिए आंकड़ों के अनुसार कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर सात प्रतिशत से घटकर 2.8 प्रतिशत पर आ गई जबकि खनन क्षेत्र की वृद्धि 5 प्रतिशत से घटकर शून्य से नीचे 0.9 प्रतिशत हो गई. विनिर्माण क्षेत्र की 7.6 प्रतिशत से घटकर 2.5 प्रतिशत और व्यापार, होटल तथा परिवहन क्षेत्र की वृद्धि 11.1 से घटकर 9.9 प्रतिशत रह गई.
ज्ञातव्य हो कि केन्द्रीय सांख्यिकी संगठन द्वारा इससे पूर्व जारी अग्रिम आंकड़ों में 2011-12 का सकल घरेलू उत्पाद 6.9 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया गया था. वर्ष 2002-03 के बाद से (जब आर्थिक वृद्धि 4 प्रतिशत रही थी) भारत का सकल घरेलू उत्पाद के मामले में यह सबसे न्यूनतम आंकड़ा है.
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