विनिवेश विभाग की तरफ से कोल इंडिया लिमिटेड के विनिवेश के लिए मर्चेंट बैंकर्स नियुक्त करने हेतु प्रस्ताव मांगा गया. मर्चेंट बैंकर्स हेतु इच्छुक आवेदकों द्वारा 26 अगस्त 2013 तक आवेदन किया जाना है. 27 अगस्त 2013 को मर्चेंट बैंकर्स की नियुक्ति कर दी जानी है.
प्रस्ताव के मुताबिक, कोल इंडिया का 5 प्रतिशत विनिवेश ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) पद्धति से किया जाना है. इस विनिवेश में कोल इंडिया के कर्मचारियों को डिस्काउंट आधार पर शेयर खरीदने का मौका दिया जाना है. कोल इंडिया के कर्मचारियों द्वारा डिस्कवर्ड प्राइस पर 5 प्रतिशत छूट के साथ शेयरों की खरीदारी की जा सकती है. एक कर्मचारी अधिकतम दो लाख रुपये तक के शेयर के लिए आवेदन कर सकता है. कोल इंडिया के कर्मचारियों को ओएफएस के कुल आकार का अधिकतम 10 प्रतिशत की खरीदारी का मौका दिया जाना है. मर्चेंट बैंकर्स नियुक्त होने के बाद इस मामले में और चीजें तय की जानी है.
कोल इंडिया लिमिटेड
केंद्र सरकार द्वारा निजी कोयला खदानों को अधिग्रहीत करने के साथ कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) एक संगठित सरकारी स्वामित्व वाले कोयला खनन कॉर्पोरेट के रूप में नवम्बर 1975 में अस्तित्व में आई. अपने आविर्भाव काल में 79 मिलियन टन (एम.टी.) प्रति वर्ष मामूली उत्पादन करने वाली सीआईएल वर्तमान में दुनिया में अकेली सबसे बड़ी कोयला उत्पादक है. भारत के 8 राज्यों में फैले 81 खनन क्षेत्रों का संचालन करनेवाली सीआईएल. 7 पूर्ण स्वामित्व वाली कोयला उत्पादक अनुषंगियों और एक खान, आयोजना एवं परामर्शी कंपनी का शीर्षस्थ निकाय है. महारत्न कंपनी बनने की सभी वित्तीय एवं अन्य पूर्वापेक्षाओं को पूरा करने के बाद सीआईएल को अप्रैल 2011 में महारत्न कंपनी का दर्जा प्रदान किया गया.
विदित हो कि कोल इंडिया में सरकार की हिस्सेदारी 90 प्रतिशत है. 3 वर्ष पूर्व कोल इंडिया की 10 प्रतिशत हिस्सेदारी का विनिवेश किया गया था.
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