गुजरात में विशेष जांच दल ने पूर्व मंत्री माया कोडनानी के लिए मृत्युदंड की मांग के बारे में सर्वोच्च न्यायालय से परामर्श लेने का निर्णय किया. माया कोडनानी और नौ अन्य लोगों के लिए मृत्युदंड की मांग करने के मामले में गुजरात सरकार के पीछे हटने के बाद ऐसा किया गया. इन सभी को वर्ष 2002 के नरोदा पाटिया दंगा मामले में दोषी पाया गया था जिसमें 96 लोग मारे गए थे.
विशेष जांच दल द्वारा सर्वोच्च न्यायालय की विशेष पीठ के सामने जल्द ही अर्जी दाखिल की जानी है, ताकि इस मामले में अपील दाखिल करने के लिए मंजूरी वापस लेने के गुजरात सरकार के हाल के निर्णय से सर्वोच्च न्यायालय को अवगत कराया जा सके. विशेष जांच दल द्वारा कोई याचिका दाखिल नहीं की जानी है बल्कि सर्वोच्च न्यायालय से केवल न्यायिक सलाह देने का अनुरोध किया जाना है.
माया कोडनानी
भारतीय जनता पार्टी की तीन बार की महिला विधायक माया कोडनानी गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री थीं. माया कोडनानी पहली महिला वर्तमान विधायक थीं जिन्हें गोधरा दंगों के बाद सजा हुई. माया कोडनानी पेशे से गाइनकालजिस्ट हैं. माया कोडनानी दंगा के समय नरोदा से विधायक थीं. वर्ष 2002 के गुजरात दंगों में उनका नाम सामने आया. वर्ष 2002 में ही हुए गुजरात विधानसभा चुनाव में वह फिर से विधायक चुनी गई थीं. वर्ष 2007 के गुजरात विधानसभा चुनाव में भी माया कोडनानी की जीत हुई. इसके बाद वह गुजरात सरकार में मंत्री बनी थीं. वर्ष 2009 में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त विशेष टीम ने उन्हें गिरफ्तार किया. 31 अगस्त 2012 को न्यायालय ने उन्हें 28 वर्ष की सजा सुनाई.
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