10 दिसंबर: विश्व मानवाधिकार दिवस
विश्व मानवाधिकार दिवस मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा को प्रकाश में लाने के लिए 10 दिसंबर 2013 को विश्वभर में मनाया गया. वर्ष 2013 में विश्व मानवाधिकार दिवस का थीम ‘आपके अधिकारों के लिए काम करते हुए 20 वर्ष’ है. विश्व मानवाधिकार दिवस को मनाये जाने का उद्देश्य मानवाधिकारों के प्रति लोगों को जागरूक बनाना है.
वर्ष 1948 में 10 दिसंबर के दिन संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मानवाधिकार घोषणा पत्र जारी किया था. तभी से प्रतिवर्ष 10 दिसंबर को विश्व मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है. मानवाधिकार घोषणा पत्र के अनुसार विश्व में न्याय, शांति और स्वतंत्रता की बुनियाद के रूप में समाज के सभी वर्गों को सम्मान और बराबरी का अधिकार दिए जाने की बात कही गई थी.
मानवाधिकार का अर्थ
किसी भी व्यक्ति के जीवन, आजादी, समानता और सम्मान के अधिकार को मानवाधिकार कहते है. भारतीय संविधान इस अधिकार की न सिर्फ गारंटी देता है, बल्कि इसे तोड़ने वाले को अदालत सजा देती है.
भारतीय संदर्भ में मानवाधिकार दिवस
भारत में 28 सितंबर 1993 से मानव अधिकार कानून अमल में आया. केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का गठन 12 अक्टूबर 1993 को किया. वर्ष 2011 से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पूर्व प्रधान न्यायाधीश केजी बालाकृष्णन हैं. इनका कार्यकाल 11 मई 2015 तक निर्धारित है.
आयोग के कार्यक्षेत्र
आयोग के कार्यक्षेत्र में नागरिक और राजनीतिक के साथ आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकार भी आते हैं. जैसे बाल मजदूरी, एचआईवी/एड्स, स्वास्थ्य, भोजन, बाल विवाह, महिला अधिकार, हिरासत और मुठभेड़ में होने वाली मौत, अल्पसंख्यकों और अनुसूचित जाति और जनजाति के अधिकार.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation