शिक्षाविद् और भारत में महिला आंदोलन की नेता डॉक्टर वीणा मजूमदार का नई दिल्ली में 86 वर्ष की आयु में 30 मई 2013 को निधन हो गया. वह फेफडे में ट्यूमर से पीडित थीं. 86 वर्षीय डॉक्टर वीणा मजूमदार संसद और विधानमंडलों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने की बड़ी पक्षधर थीं.
डॉक्टर वीणा मजूमदार के जीवन से संबंधित मुख्य तथ्य
• वीणा मजूमदार वर्ष 1971 में भारत में महिलाओं के दर्जे के बारे में गठित समिति की सचिव थी, जिसने वर्ष 1974 में महिलाओं और पुरूषों के बीच समानता को लेकर देश में महिलाओं की दशा के बारे में पहली रिपोर्ट तैयार की थी.
• यह रिपोर्ट महिलाओं की शिक्षा और भारत में महिला आंदोलन दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई.
• वह वर्ष 1975 से वर्ष 1980 तक भारतीय समाज विज्ञान अनुसंधान परिषद के महिला अध्यक्ष कार्यक्रम की निदेशक भी रहीं.
• वह महिला विकास अध्यक्ष की संस्थापक निदेशक भी रहीं. वर्ष 1996 से वर्ष 2005 तक वह इसकी अध्यक्ष भी रहीं.
• वह पटना विश्वविद्यालय शिक्षक संघ की पहली सचिव भी थी.
• उन्होंने बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय तथा कोलकाता विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा ग्रहण की और वर्ष 1962 में आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से डॉक्टर ऑफ फिलासफी की उपाधि प्राप्त की.
• उन्होंने वर्ष 1951 में पटना विश्वविद्यालय में राजनीतिविज्ञान के शिक्षक के रुप में कार्य किया. उन्होंने बहरमपुर विश्वविद्यालय में भी पढ़ाया. वह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग में शिक्षा अधिकारी भी रहीं.
• उनके परिवार में तीन पुत्रियां तथा एक पुत्र हैं.
• वर्ष 1927 में कोलकाता के एक मध्यवर्गीय परिवार में वीणा मजूमदार का जन्म हुआ था.
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