प्रख्यात संगीतकार और अभिनेता शेखर सेन 29 जनवरी 2015 को संगीत नाटक अकादमी के अध्यक्ष नियुक्त किए गए. उन्हें तत्काल प्रभाव से 5 साल की अवधि के लिए नियुक्त किया गया.
शेखर सेन ने लीला सैमसन का स्थान लिया जिन्होंने 5 सितंबर 2014 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. यह पद अक्टूबर 2014 से खाली पड़ा हुआ था.
शेखर सेन
- छत्तीसगढ़ में जन्मे सेन ने अपने माता-पिता से संगीत सीखना शुरू किया जो ग्वालियर घराने के प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक थे.
- सेन ने रसखान, रहीम, भूषन बिहारी और कई तरह के मध्यकालीन कवियों के गायन के द्वारा एक अलग शैली के गायक के रूप में खुद को स्थापित किया.
- वे अपने तुलसी, कबीर, विवेकानंद और सूरदास जैसे संगीत नाटकों के लिए प्रसिद्ध है.
- शेखर सेन की कला को भारत, अमेरिका, ब्रिटेन, बेल्जियम, सूरीनाम, सिंगापुर, जकार्ता, हांगकांग, दक्षिण अफ्रीका, संयुक्त अरब अमीरात, मारीशस और त्रिनिदाद में काफी सराहा गया.
- शेखर सेन को वर्ष 2015 में पदम श्री पुरस्कार, थिएटर के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए वर्ष 2001 में सफदर हाशमी पुरस्कार और वर्ष 2008 में वी शांताराम ललित कला पुरस्कार प्रदान किया गया.
संगीत नाटक अकादमी
- संगीत नाटक अकादमी सभी कला प्रदर्शन के लिए भारत की राष्ट्रीय अकादमी है. संगीत नाटक अकादमी को वर्ष 1952 में एक स्वायत्त निकाय के रूप में स्थापित किया गया. यह पूरी तरह से संस्कृति मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित है. भारत सरकार ने एक संसदीय प्रस्ताव द्वारा एक स्वायत्त संस्था के रूप में संगीत नाटक अकादमी की स्थापना करने का निर्णय किया.
- भारत के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने 28 जनवरी 1953 को देश भर में नृत्य, नाटक और संगीत के रूप में प्रदर्शन कला को बढ़ावा देने के लिए संगीत नाटक अकादमी का उद्घाटन किया.
- संगीत नाटक अकादमी ने तिरुवनंतपुरम में कुट्टियटम, नई दिल्ली में सत्त्रिया नृत्य केंद्र, कथक केन्द्र, और इंफाल में मणिपुर नृत्य अकादमी सहित कई संस्थानों की स्थापना की.
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