26 सितंबर 2011 को उड़ीसा के चांदीपुर तट से परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम और 350 किमी की दूरी तक मार करने वाली पृथ्वी-2 बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (Defence Research and Development Organisation) ने यह परीक्षण रक्षा बलों के प्रायोगिक परीक्षणों के भाग के तौर पर किया.
स्वदेश में विकसित सतह से सतह पर मार करने वाली पृथ्वी-2 बैलिस्टिक मिसाइल का चांदीपुर एकीकृत परीक्षण स्थल के परिसर-3 से किया गया. संचालन संबंधी अभ्यास के रूप में किया गया यह परीक्षण पूरी तरह सफल रहा. चांदीपुर एकीकृत परीक्षण स्थल उड़ीसा के बालासोर जिले में स्थित है.
पृथ्वी बैलिस्टिक मिसाइल: पृथ्वी भारत की पहली स्वदेशी निर्मित बैलिस्टिक मिसाइल है. यह उन 5 मिसाइलों में एक है, जिन्हें देश के एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम के तहत विकसित किया जा रहा है. इसकी लंबाई नौ मीटर और व्यास एक मीटर है. यह दो इंजनों की मदद से आगे बढ़ती है और तरल ईंधन से चलती है. मध्यम दूरी की यह मिसाइल 483 सेकंड की अवधि तक उड़ान भरने के साथ 43.5 किलोमीटर की ऊंचाई तक जा सकती है. इसकी क्षमता 500 किलोग्राम विस्फोटक ले जाने की है.
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