अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं की एक टीम द्वारा किए गए एक अध्ययन में यह कहा गया है कि सबसे नीचले समताप मंडल में ज्वालामुखी एयरोसोल से संबंधित विकिरण बल ग्लोबल वार्मिंग को कम कर सकते हैं. ज्वालामुखी वातावरण में कणों को छोड़कर ग्लोबल वार्मिंग को कम करने में मदद कर सकते हैं.
यह अध्ययन नेचर कम्युनिकेशंस नाम के जरनल में 9 जुलाई 2015 को प्रकाशित हुआ था. टीम जिसमें कार्लजूए इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (KIT) के वैज्ञानिक भी शामिल थे के वैज्ञानिकों ने कहा कि ज्वालामुखीय एयरोसोल ने पिछले एक दशक में प्राकृतिक छाते जैसा काम किया है और ग्रीनहाउस गैसों से बढ़ने वाले वैश्विक तापमान को कम किया है.
टीम ने कहा है कि इसके बावजूद पिछले दशके में वैश्विक ग्रीनहाउस गैसें वातावरण में लगातार बढ़ीं हैं जिसका यह मतलब है कि वैश्विक सतह तापमान ने एक ही मार्ग का अनुसरण नहीं किया है.
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