बाघ वंश की माता मचली 5 फरवरी 2014 को रणथंभौर राष्ट्रीय पार्क में पाई गई. यह बाघिन पार्क के जोन 5 से 9 जनवरी 2014 से लापता थी.
17-वर्षीया मचली विश्व में सबसे लंबे समय तक जीने वाली जंगली बाघिन होने के साथ-साथ सबसे ज्यादा फोटोग्राफी की जाने वाली बाघिन भी है. इस बाघिन को T-16 के रूप में चिह्नांकित किया गया था.
मचली अपनी बड़ी उम्र के बावजूद घने जंगल में अपना शिकार खुद करके जीवित रही है.
मचली के लापता होने के बाद से बाघ क्षेत्र के रणनीतिक स्थलों पर दो दर्जन कैमरा-जाल बिछाए गए थे और 200 से ज्यादा पदाधिकारियों की टीम पार्क में गश्त लगा रही थी.
मचली अपने जीवन के अपने अंतिम चरण में थी. जंगल में एक बाघ का जीवनकाल लगभग 12 वर्ष का होता है. मचली किसी 120-वर्षीय मनुष्य के सदृश है. इस उम्र में उसका कम दिखाई देना असामान्य नहीं है.
मचली राष्ट्रीय पार्क के एक सीमित क्षेत्र में प्रतिबंधित थी, क्योंकि चार बाघों ने उसके परंपरागत आवास-स्थान में घुसपैठ कर ली थी.
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