प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और कोरिया गणराज्य के बीच समुद्री परिवहन एवं लॉजिस्टिक के क्षेत्रों में सहयोग संबंधी समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाने को 13 मई 2015 को मंजूरी प्रदान की.
इस समझौते पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोरिया गणराज्य यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किए जाने हैं.
इस समझौते से दोनों ही देशों को समुद्री परिवहन और लॉजिस्टिक के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने में मदद मिलेगी.
समझौते के मुख्य उद्देश्य
• प्रौद्योगिकियों के आदान-प्रदान के जरिये समुद्री परिवहन के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना
• सूचना एवं अनुभवों में सहयोग बढ़ाना
• नाविकों का प्रशिक्षण और बंदरगाह संचालन करना
• समानता और परस्पर लाभ के सिद्धांत के आधार पर अंतरराष्ट्रीय समुद्रीय परिवहन के क्षेत्र में संबंधों का विकास करना
• दोनों देशों के समुद्री परिवहन और लॉजिस्टिक से संबंधित संगठनों और कम्पनियों के बीच सहयोग और भागीदारी सुगम बनाना
• घरेलू और विदेशी बंदरगाहों का उपयोग, विकास एवं प्रबंधन करना
• साझा कारोबार
• समुद्री परिवहन और लॉजिस्टिक के क्षेत्र में विशेषज्ञों का आदान-प्रदान करना
• समुद्री विकास पर अनुसंधान करना
• दोनों पक्षों द्वारा संयुक्त रुप से तय किये जाने वाला अन्य प्रकार का सहयोग
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