सर्वोच्च न्यायालय ने देश में बाघ अभयारण्यों के सघन क्षेत्रों में पर्यटन गतिविधियों पर रोक की अवधि 27 सितम्बर 2012 तक बढ़ा दी. सर्वोच्च नयायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एके पटनायक और न्यायाधीश न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की खंडपीठ ने यह निर्णय 29 अगस्त 2012 को दिया.
सर्वोच्च न्यायालय ने संकेत दिया है कि वह इस इलाके में पर्यटन के खिलाफ नहीं है, लेकिन ऎसा बाघों के संरक्षण के लिए केन्द्र द्वारा बनाए गए दिशा निर्देशों में समुचित परिवर्तन की अनुमति देने के बाद ही हो सकता है. साथ ही पीठ ने राज्यों, होटल एसोसिएशन, टूर आपरेटर और गाइड जैसे इस क्षेत्र में दखल रखने वाले अन्य पक्षों से सलाह मशविरा करके नए दिशा निर्देश तैयार करने के लिए केंद्र सरकार को चार सप्ताह का समय प्रदान किया.
विदित हो कि न्यायालय ने 24 जुलाई 2012 को बाघ अभयारण्यों के सघन इलाकों में पर्यटन गतिविधियों पर पाबंदी लगाई थी.
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