चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने समूहों व व्यक्ति विशेष द्वारा पंचशील के पांचों सिद्धातों में योगदान देने एवं इस उद्देश्य में अधिक से अधिक लोगों को जुड़ने के लिए प्रेरित करने वालों के लिए ‘सह अस्तित्व के लिए पांच सिद्धांत मित्रता पुरस्कार और छात्रवृत्ति’ की 29 जून 2014 को घोषणा की.
चीन के राष्ट्रपति ने यह घोषणा ‘पंचशील’ की 60वीं वषर्गांठ के अवसर पर चीन के ग्रेट हॉल ऑफ पीपुल में आयोजित समारोह में की. इस समारोह में भारत के उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और म्यांमार के राष्ट्रपति थेन सेन ने भाग लिया.
पंचशील संधि की 60वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में भारत और चीन ने 2014 को ‘मैत्रीपूर्ण आदान-प्रदान का वर्ष’ घोषित किया. पंचशील की साठवीं वर्षगांठ के अवसर पर संगीत नाटक अकादमी ने चीन में ‘ग्लिम्सेज ऑफ इंडिया फेस्टिवल’ के अंतर्गत एक कार्यक्रम प्रस्तुत किया.
पंचशील सिद्धांत
पंचशील (शांतिपूर्ण सह अस्तित्व के लिए पांच सिद्धांत) की शुरूआत भारत के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और चीन के तत्कालीन प्रधानमंत्री चाउ एनलाई ने वर्ष 1954 में की थी. बाद में म्यामांर ने भी इस सिद्धांत को स्वीकार कर लिया.
ये पांचों सिद्धांत निम्नलिखित हैं.
1. संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का परस्पर सम्मान करना,
2. परस्पर रूप से आक्रामक नहीं होना,
3. एक दूसरे के आंतरिक मामलों में दखल नहीं देना,
4. समता एवं परस्पर लाभ
5. शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व
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