भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर एवं अर्थशास्त्री सी. रंगराजन (चक्रवर्ती रंगराजन) ने प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (पीएमईएसी) के अध्यक्ष पद से 19 मई 2014 को इस्तीफा दिया. केंद्र में सत्ता परिवर्तन के मद्देनजर सी रंगराजन के साथ ही परिषद के दूसरे सदस्यों ने भी प्रधानमंत्री को अपने इस्तीफे प्रेषित कर दिए.
सी रंगराजन वर्ष 2005 से परिषद के अध्यक्ष थे. वर्ष 1992 से1997 तक वह भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर भी रहे. वह संसद सदस्य भी रह चुके हैं.
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (Economic Advisory Council to the Prime Minister, PMEAC) का गठन 29 दिसंबर 2004 को किया गया. परिषद के अध्यक्ष को कैबिनेट रैंक का दर्जा प्राप्त होता है जबकि इसके सदस्यों को राज्यमंत्री स्तर का दर्जा प्राप्त होता है. डॉ. सी. रंगराजन वर्ष 2005 से 19 मई 2014 तक इसके अध्यक्ष रहे. परिषद का कार्यकाल प्रधानमंत्री के कार्यकाल के बराबर होता है.
परिषद के अन्य सदस्य
सी रंगराजन की अध्यक्षता वाली प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद में डॉ. सौमित्र चौधरी (आर्थिक सलाहकार, आईसीआरए), डॉ. विजय शंकर व्यास (अध्यक्ष, एशियन सोसायटी ऑफ एग्रीकल्चरल इकॉनामिस्ट्स), डॉ. पुलिन बी. नायक एवं डॉ. दिलीप एम. नचाने सदस्य के तौर पर शामिल थे. परिषद के सदस्यों का दर्जा राज्य मंत्री का होता है.
परिषद के कार्य
प्रधानमंत्री द्वारा समय-समय पर परिषद को भेजे गए नीतिगत मामलों पर सलाह देने के अलावा आर्थिक सलाहकार परिषद प्रधानमंत्री के लिए देश एवं विदेशों में आर्थिक विकासों पर एक मासिक रिपोर्ट तैयार करती है. यह नियमित रूप से आर्थिक गतिविधियों की समीक्षा करती है एवं देश एवं विदेश में हो रही महत्वपूर्ण गतिविधियों की ओर प्रधानमंत्री का ध्यान आकर्षित करती है तथा उचित नीतिगत जवाब हेतु सुझाव भी देती है.
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