सीएसओ का वित्तवर्ष 2011-12 के दूसरे तिमाही हेतु सकल घरेलू उत्‍पाद के संशोधित अनुमान

Dec 1, 2011, 16:27 IST

Economy Current Affairs 2011. सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्‍वयन मंत्रालय के केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने वित्तवर्ष 2011-12 के दूसरे तिमाही (जुलाई-सितंबर 2011-12) के लिए...

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्‍वयन मंत्रालय के केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने वित्तवर्ष 2011-12 के दूसरे तिमाही (जुलाई-सितंबर 2011-12) के लिए सकल घरेलू उत्‍पाद के संशोधित अनुमान 30 नवंबर 2011 को जारी किए. अनुमान (2004-05) और वर्तमान मूल्‍यों पर स्थिर हैं.


वर्ष 2009-10 और 2010-11 के लिए सकल घरेलू उत्‍पाद के तिमाही अनुमान केंद्रीय सांख्यिकीय कार्यालय द्वारा 10 जून 2011 को जारी औद्योगिक उत्‍पादन सूचकांक की नई संशोधित श्रृंखला (आधार 2004-05) पर आ‍धारित है. ये संशोधन प्रमुख रूप से सकल घरेलू उत्‍पाद के खनन, उत्‍पादन, बिजली और व्‍यापार, होटल और रेस्‍टोरेंट क्षेत्रों में किए गए.


आर्थिक गतिवि‍धियों द्वारा सकल घरेलू उत्‍पाद के अनुमान: वित्तवर्ष 2011-12 के दूसरी तिमाही के लिए सकल घरेलू उत्‍पाद में वित्तवर्ष 2010-11 की समान अवधि की तुलना में 6.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी, और यह 1148472 करोड़ रू़. से बढ़कर 1227254 करोड़ रुपए हो गई.


वर्ष 2010-11 की दूसरे तिमाही तुलना में वर्ष 2011-12 की दूसरी तिमाही में जिन आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि दर्ज की गयी उनमें बिजली, गैस और पेयजल वितरण में 9.8 प्रतिशत, व्‍यापार, होटल, परिवहन और संचार में 9.9 प्रतिशत, वित्‍तीय, बीमा, रीयल स्‍टेट और व्‍यापार सेवाओं में 10.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी. वर्ष 2011-12 की दूसरी तिमाही के लिए सकल घरेलू उत्‍पाद में गिरावट मुख्‍य रूप से  खनन और उत्‍खनन क्षेत्रों में दर्ज की गयी.


राष्‍ट्रीय आय 2010-11 का संशोधित वार्षिक अनुमान: 2010-11 के लिए राष्‍ट्रीय आय के लिए अग्रिम अनुमान 7 फरवरी 2011 को जारी किए गए. अब इन अनुमानों को कृषि उत्‍पादन, औद्योगिक उत्‍पादन के सूचकांक और रेलवे, रेल से भिन्‍न परिवहन, संचार, बैंकिंग एवं बीमा तथा सरकारी व्‍यय जैसे प्रमुख क्षेत्रों में कार्यनिष्‍पादन के हालिया अनुमानों के अनुसार संशोधित किया गया है. इन अनुमानों की मुख्‍य विशेषताएं इस प्रकार हैं.


वर्ष 2004-05 के स्थिर मूल्‍य पर अनुमान: वर्ष 2004-05 के स्थिर मूल्‍य की कारक लागत पर सकल घरेलू उत्‍पाद 4877842 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है (7 फरवरी, 2011 को जारी 48,79,232 के पूर्व अनुमान की तुलना में ), जिसमें 2009-10 के लिए 31 जनवरी 2011 को जारी 4493743 करोड़ रुपए के लिए सकल घरेलू उत्‍पाद के तात्‍कालिक अनुमान की तुलना में 8.5 प्रतिशत की वृद्धि दर (8.6 प्रतिशत के अग्रिम अनुमान की तुलना में ) का पता चलता है, सकल घरेलू उत्‍पाद में गिरावट के अनुमान की मुख्‍य वजह खान एवं उत्‍खनन, विनिर्माण एवं व्‍यापार, होटलों, परिवहन और संचार एवं वित्‍त, बीमा, रीयल एस्‍टेट और बिजनेस सेवाओं में कम कार्यनिष्‍पादन है.

प्रति व्‍यक्ति शुद्ध राष्‍ट्रीय आय: वर्ष 2004-05 के मूल्‍यों पर आधारित वित्तवर्ष 2010-11 की प्रति व्‍यक्ति आय का अनुमान 35917 रुपए रखा गया. 7 फरवरी 2011 को यह अनुमान 36003 रुपए था. इस तरह अनुमान में 6.5 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई. मौजूदा मूल्‍यों पर प्रति व्‍यक्ति आय का अनुमान वित्तवर्ष 2010-11 के लिए 54835 रुपए लगाया गया.

निजी अंतिम उपभोग व्‍यय: घरेलू बाजार में मौजूदा मूल्‍यों पर निजी अंतिम उपभोग व्‍यय (पीएफसीई) का अनुमान वित्त वर्ष 2010-11 में 45,02,974 करोड़ रुपये रखा गया. जबकि 2009-10 में यह अनुमान 37,82,013 करोड़ रुपये का था. 2004-05 के स्थिर मूल्‍यों पर पीएफसीई का अनुमान वित्तवर्ष 2010-11 में 30,91,328 करोड़ रुपये लगाया गया, जबकि 2009-10 में यही अनुमान 28,46,410 करोड़ रुपये का था.

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