बंगलुरु भारत के पहले और सबसे बड़े आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सिटी की मेजबानी करने के लिए तैयार है। यह शहर के केंद्र से सिर्फ 30 किलोमीटर दूर बिदादी में बनाया जाएगा। इसे ग्रेटर बेंगलुरु इंटीग्रेटेड टाउनशिप (GBIT) का नाम दिया गया है। यह महत्वाकांक्षी पहल भारतीय शहरी योजना, इनोवेशन और टिकाऊ विकास की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है।
प्रोजेक्ट का विवरण और लक्ष्य
यह कर्नाटक सरकार का 20,000 करोड़ रुपये का एक बड़ा प्रोजेक्ट है, जिसके तहत 9,000 एकड़ की एकीकृत टाउनशिप बनाई जाएगी। इसमें से 2,000 एकड़ जमीन AI इंडस्ट्री और उससे जुड़े बिजनेस के लिए होगी। इसे बंगलुरु के दूसरे केंद्रीय बिजनेस जिले के रूप में डिजाइन किया गया है। GBIT में काम करने, रहने और मनोरंजन की सभी सुविधाएं एक ही जगह पर होंगी। यह भविष्य का शहर व्यापारिक गतिविधियों के एक बड़े हिस्से को यहां लाकर बेंगलुरु की भीड़ कम करेगा। साथ ही, 'स्थानीय लोगों को पहले नौकरी' की नीति के तहत युवाओं के लिए लाखों रोजगार पैदा करेगा।
इसका लक्ष्य एक ऐसा स्मार्ट, ग्रीन और समावेशी शहर बनाना है, जो जीरो-कार्बन, जीरो-वेस्ट और जीरो-ट्रैफिक के सिद्धांत पर चले। इस रणनीति के केंद्र में स्मार्ट समाधान हैं, जैसे AI से चलने वाला ट्रैफिक, पानी, कचरा और ऊर्जा मैनेजमेंट आदि। इसके अलावा, भविष्य की योजना बनाने और फैसले लेने के लिए डिजिटल ट्विन टेक्नोलॉजी का भी इस्तेमाल किया जाएगा।
किसानों की भागीदारी और जमीन की खरीद
यह प्रोजेक्ट नौ गांवों में फैला है और इसमें लगभग 8,500 एकड़ जमीन शामिल है, जिसका ज्यादातर हिस्सा निजी लोगों का है। सरकार ने पारदर्शी और इलेक्ट्रॉनिक तरीके से जमीन खरीदने का वादा किया है, जिसमें किसानों को भागीदार बनाया जाएगा। मुआवजे के तौर पर प्रति एकड़ 1.5 से 2.5 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। किसानों के पास विकसित जमीन या सालाना अनुदान लेने का विकल्प भी होगा।
आर्थिक और सामाजिक प्रभाव
GBIT से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाखों नौकरियां पैदा होंगी। यह AI और टेक्नोलॉजी पर आधारित क्षेत्रों के विकास को बढ़ावा देगा और टिकाऊ जीवन के लिए नए मानक तय करेगा। स्थानीय लोगों को पहले नौकरी देने की नीति यह सुनिश्चित करेगी कि कर्नाटक के युवाओं को उनका हक मिले। यह टाउनशिप बेंगलुरु की भीड़ कम करेगी, इनोवेशन लाएगी और इससे क्षेत्रीय समृद्धि के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा भी बढ़ेगी।
बिदादी में बनने वाला यह AI सिटी, भारत की इनोवेशन राजधानी के रूप में बंगलुरु की स्थिति को और मजबूत करेगा। यह स्मार्ट और टिकाऊ शहरीकरण के एक नए युग की शुरुआत है।
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