भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने 29 जुलाई 2015 को कर्नाटक फिल्म चैम्बर ऑफ कॉमर्स (केएफसीसी), कर्नाटक टेलीविजन एसोसिएशन (केटीवीए) और कन्नड़ फिल्म प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (केएफपीए) पर जुर्माना लगाया. यह जुर्माना प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 की धारा 3 के उल्लंघन के लिए लगाया गया.
आयोग ने प्रतिस्पर्धा अधिनियम के उल्लंघन तथा प्रतिस्पर्धा अधिनियम के सिद्धांतों के की पूर्ण उपेक्षा हेतु केएफसीसी पर 1682204 रुपये का जुर्माना लगाया. जुर्माने की गणना कर्नाटक फिल्म चैम्बर ऑफ कॉमर्स की औसत आय के 10 प्रतिशत की दर से की गई.
इसके अलावा कनार्टक टेलीविजन एसोसिएशन और कन्नड फिल्म प्रोड्यूशर्स एसोसिएशन की औसत आय के 8 प्रतिशत के आधार पर गणना करके क्रमश: 174293 और 168124 रुपये का जुर्माना लगाया गया.
गौरतलब हो कि कर्नाटक में दर्शकों के एसोसिएशन ने आयोग से शिकायत में आरोप लगाया था कि राज्य में विविध एसोसिएशन प्रतिस्पर्धा विरोधी आचरण कर रही हैं और डब की गई विषयवस्तु को फिल्मों एवं टीवी धारावाहिकों के रूप में अनुमति नहीं दे रही हैं.
आयोग के महानिदेशक ने विस्तृत जांच के बाद निष्कर्ष निकाला कि कर्नाटक फिल्म चैम्बर ऑफ कॉमर्स, कनार्टक टेलीविजन एसोसिएशन और कन्नड फिल्म प्रोड्यूशर्स एसोसिएशन कर्नाटक में डब की गई फिल्मों/टेलीविजन धारावाहिकों को रिलीज/प्रसारित करने से रोकने के काम में लगे हैं.
आयोग ने यह भी पाया कि वे प्रतिस्पर्धा कानून की धारा 3 का उल्लंघन कर प्रतिस्पर्धा विरोधी आचरण कर रही हैं.
तदनुसार आयोग ने कर्नाटक फिल्म चैम्बर ऑफ कॉमर्स, कनार्टक टेलीविजन एसोसिएशन और कन्नड फिल्म प्रोड्यूशर्स एसोसिएशन को ऐसी अनुचित गतिविधि रोकने का निर्देश दिया जो प्रतिस्पर्धा विरोधी हैं.
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