22 सितंबर 2015 को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने ओडीशा में राष्ट्रीय राजमार्ग–42 को 112 किमी कटक– अंगुल खंड को चार लेन बनाने की मंजूरी दे दी.
परियोजना की कुल अनुमानित लागत 1575 करोड़ रुपए है और इसे डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन औऱ हस्तांतरण (डीबीएफओटी) के आधार पर बनाया जाएगा.
परियोजना को राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना (एनएचडीपी) चरण III के तहत कार्यान्वित किया जाएगा.
व्यवहार्यता गैप फंडिंग (वीजीएफ) के लिए सरकार परियोजना में होने वाली कुल अनुमानित लागत का 40 प्रतिशत अधिकतम अनुदान देगी.
परियोजना के लिए निविदा, मॉडल रियायत समझौता (कनसेशन अग्रीमेंट) के प्रावधानों के आधार पर आमंत्रित की गई है.
राष्ट्रीय राजमार्ग–42 के पूरा हो जाने पर, सड़क मार्ग से यातायात के समय और यात्रा खर्च को कम करने में बहुत मदद मिलेगी. इससे क्षेत्र के निवासियों की सामाजिक– आर्थिक स्थिति में भी सुधार आएगा.
दूसरी तरफ परियोजना कार्य से संबंधित गतिविधियां स्थानीय श्रमिकों के लिए रोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराएगी.
पृष्ठभूमि
पूर्व में यह परियोजना यूपीए– II के शासन काल, साल 2011 में अशोका बिल्डकॉन लिमिटेड को दी गयी थी. रियायत समझौता (कनशेसन अग्रीमेंट) मार्च 2012 में हस्ताक्षर किया गया.समझौते के प्रावधानों के अनुसार भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के शर्तों को पूरा न कर पाने के कारण रियायत समझौता आपसी सहमति से समाप्त हो गया.
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