भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने नए विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक नियमों को 5 अक्टूबर 2013 को मंजूरी प्रदान की. इससे विदेशी निवेशकों को भारतीय बाजार में निवेश करने में सहूलियत होनी है. नए नियमों के तहत पंजीकरण और ऑपरेटिंग ढांचा आसान हो गया.
देश में वर्तमान रिकॉर्ड चालू खाता घाटे को कम करने के उद्देश्य से विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए विदेशी निवेशकों की पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए सेबी ने विदेशी निवेश के इन नए सरल नियमों को मंजूरी दी है. भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के बोर्ड सदस्यों की 5 अक्टूबर 2013 को हुई बैठक में सेबी (विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक) अधिनियम-2013 के मसौदे को मंजूरी दी गई.
विदेशी पोर्टफोलियों निवेशक के अंतर्गत सभी संस्थागत विदेशी निवेशक, उनके उप खाताधारक और क्वालीफाइड विदेशी निवेशक आ जाना है. जोखिम उठाने की क्षमता के आधार पर इन्हें तीन वर्गों में बांटा जाना है.
विदित हो कि अपने ग्राहक को जानो (केवाईसी) योजना के अंतर्गत सेबी ने भारतीय बाजार में निवेश के लिए वर्तमान नियमों के तहत एक वर्ष या पाँच वर्षों के लिए निवेश पंजीकरण अनुमति के स्थान पर स्थाई पंजीकरण संख्या देने की भी मंजूरी दी. सेबी ने विदेशी पोर्टफोलियों निवेशक के पंजीकरण के लिए विशेषीकृत डिपोजेटरी पार्टीसिपेंट्स के गठन को भी मंजूरी दी.
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