हिमाचल प्रदेश सरकार ने तिब्बती धर्मगुरु 17वें करमापा उग्येन त्रिनले दोरजी के अस्थायी निवास ग्यात्सो मठ की भूमि 15 फरवरी 2011 को अधिग्रहीत कर ली. ग्यात्सो मठ की अधिग्रहीत भूमि कांगड़ा जिले में स्थित है. हिमाचल प्रदेश सरकार ने मठ से बड़ी मात्रा में विदेशी धन बरामद किए जाने के मामले की जांच के सिलसिले में यह अधिग्रहण किया गया.
विदित हो कि दलाई लामा प्रशासन के कब्जे में बेनामी जमीन के दाखिल खारिज की प्रक्रिया वर्ष 2006 से ही शुरू थी. ग्यात्सो मठ परिसर सहित 73 ऐसे भूखंड सरकार के नाम हस्तांतरित किए गए. मठ की भूमि की कीमत 2 करोड़ रुपए का अनुमान है वर्ष 2002 में इसका पंजीयन दो लोगों दिली राम पुत्र गंगा राम और प्रेम सिंह पुत्र तशी नोरबू के नाम कराया गया था.
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