हिमालय पर्वत श्रृंखला के ग्लेशियर पिछले तीस वर्षों में 21 फीसदी पिघल गए. विभिन्न देशों की सरकारों की एक संयुक्त संस्था इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंटीग्रेटड माउंटेन डेवलेप्मेंट (ICIMOD: International Centre for Integrated Mountain Development, आइसीआइएमओडी) का यह अध्ययन दिसंबर 2011 के प्रथम सप्ताह में जारी किया गया.
इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंटीग्रेटड माउंटेन डेवलेप्मेंट के इस अध्ययन के अनुसार हिमालय पर दस प्रमुख नदियों के मुहाने के सैटेलाइट चित्रों का एक मानक विधि से आकलन किया गया है. इस अध्ययन में एक दशक (2001-2010) के बर्फ के आंकड़ों को शामिल किया गया. दस साल की अवधि में बर्फ की कमी और पर्यावरण में परिवर्तन के आपसी संबंध को भी परखा गया. अध्ययन में स्नोमैपिंग और सैटेलाइट निगरानी से स्पष्ट हुआ कि इस अवधि में सबसे अधिक बर्फ 2005 में और सबसे कम बर्फ 2010 में पाई गई.
आइसीआइएमओडी की रिपोर्ट के अनुसार हिमालय पर्वत की हिंदुकुश श्रृंखला क्षेत्र में कुल 54,252 ग्लेशियर हैं, जो कि हिमालय के 60,054 वर्ग किलोमीटर पर्वतीय इलाके में ही फैले हैं. इससे पूर्व हिमालय का 110,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र बर्फ की चादर से ढंका माना जाता था.
ज्ञातव्य हो कि वर्ष 2007 में आइपीसीसी (IPCC: Intergovernmental Panel on Climate Change) की विवादास्पद रिपोर्ट में दावा किया गया था कि 2035 तक हिमालय से ग्लेशियर पूरी तरह से गायब हो जाएंगे.
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