Blue Colour Road: जानें क़तर में क्यों बनी हैं नीले रंग की सड़कें ?

Jan 24, 2023, 15:33 IST

Blue Colour Road: आप ने अधिकांश जगहों  पर सड़कों का रंग काला ही देखा होगा. लेकिन दुनिया में एक ऐसा भी देश हैं जहां सड़कें रंगीन हैं. आइये जानें आखिर ऐसा क्यों है? 

Blue Colour Road in Qatar
Blue Colour Road in Qatar

Blue Colour Road: आपने अधिकांश देशों में सड़कों को काले रंग से रंगे देखा होगा, दुनिया में ऐसे भी कुछ देश हैं जहां रंगीन सड़कें हैं लेकिन मध्य एशिया के देश कतर की राजधानी दोहा में सड़कों के एक हिस्से को नीले रंग में रंगा गया है. इस लेख में जानेंगे कि दोहा में सड़कों को नीले रंग का क्यों रंगा गया है. 

कतर में नीले रंग से क्यों रंगी गई हैं सड़कें?

कतर में बढ़ रही ग्लोबल वार्मिंग की समस्या के कारण सड़कों को नीले रंग से रंगा गया है. गल्फ न्यूज़ में प्रकाशित एक खबर के अनुसार, कतर शहर की राजधानी दोहा की पुरानी सड़कों को नीले रंग में रंगा गया. ऐसा इसलिए किया गया ताकि तापमान को नियंत्रित किया जा सके. पर सवाल ये उठता है कि आखिर रंग बदलने से क्या होगा. आइये जानते हैं.

इसके लिए कतर में लगभग 18 महीनों तक एक पायलट प्रोजेक्ट चलाया गया और फिर शहर में प्रमुख रोड को नीले रंग में लांच किया गया था. स्थानीय अरबी लोकल की एक रिपोर्ट के अनुसार, मुख्य कारण गर्मी से निपटने और सड़क पर एस्फाल्ट (Asphalt) के तापमान को 15 से 20C तक कम करना है!

एक अन्य समाचार रिपोर्ट के अनुसार, परिवेशी वायु को ठंडा करके, हल्के रंग का एस्फाल्ट (Asphalt) अन्य लाभों के अलावा, गर्मी से संबंधित बीमारियों से बचाने में भी मदद कर सकता है.

शहर की व्यस्त सड़कों में से एक सौक वकीफ हेरिटेड जोन की सड़कें हैं जिस पर 1 मिमी. मोटी नीले रंग की परत चढ़ाई गई है.  1 मिमी. नीली कोटिंग में विशेष गर्मी-प्रतिबिंबित वर्णक और होलो सिरेमिक माइक्रोइसफीयर्स (Hollow ceramic microspheres) होते हैं, जो प्रभावी रूप से इन्फ्रारेड रेडिएशन को रिफ्लेक्ट करते हैं. अच्छी दिखने वाली 200 मीटर नीली सतह एस्फाल्ट (Asphalt) की सतह के तापमान को कम करने के लिए एक प्रायोगिक परियोजना का हिस्सा है.

तापमान की जांच करने के लिए क्या लगाया गया है?

जैसा की ऊपर बताया गया है कि नीली सड़कों को बनाने के पीछे मुख्य उद्देश्य तापमान को नियंत्रित करना है. पारंपरिक एस्फाल्ट (Asphalt) की तुलना में नीली कोटिंग वाली सड़कों के तापमान में कितना फर्क है को जानने के लिए सेंसर भी लगाए गए हैं. वैज्ञानिकों के अनुसार सूर्य की रेडिएशन में 50% तक की कमी दर्ज हो सकती है. इसी तरह की कुलिंग योजनाओं को लॉस एंजिल्स सहित अन्य देशों पर भी परीक्षण किया गया है.

दोहा की आकर्षक नीली सतह कम सौर विकिरण को अवशोषित करेगी और अल्ट्रा-वायलेट किरणों को प्रतिबिंबित करेंगी, जिससे पैदल चलने वालों और मोटर चालकों के लिए स्थानीय तापमान में गिरावट आएगी.

READ| एम्बरग्रीस (Ambergris) क्या है, इसे 'तैरता हुआ सोना' या 'समुद्र का खजाना' क्यों कहा जाता है?

 

Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
... Read More

आप जागरण जोश पर भारत, विश्व समाचार, खेल के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए समसामयिक सामान्य ज्ञान, सूची, जीके हिंदी और क्विज प्राप्त कर सकते है. आप यहां से कर्रेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें.

Trending

Latest Education News