जानें Type 1 और Type 2 Diabetes में क्या होता है अंतर

आज के समय में इंसान भागदौड़ भरी जीवनशैली जी रहा है। देर रात तक जागना और सुबह देर तक सोना। वहीं, समय पर भोजन न करना और दिमाग में कई चिंताओं को रखने की वजह से लोग बीमारियों से ग्रस्त हो रहे हैं। वहीं, बीते कई वर्षों में भारत में डायबिटीज यानि मधुमेह की बीमारी तेजी से बढ़ रही है। यही नहीं यह बीमारी केवल बुजुर्गों में नहीं बल्कि कम उम्र में युवाओं को भी अपना शिकार बना रही है, जिससे कम उम्र में ही युवा दवाओं के सहारे इस बीमारी को नियंत्रित कर रहे हैं। आपने अक्सर सुना होगा कि मधुमेह टाइप-1 और टाइप-2 प्रकार होता है। लेकिन, क्या आपको इन दोनों के बीच अंतर पता है। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम आपको इन दोनों के बीच अंतर बताने जा रहे हैं। जानने के लिए यह लेख पढ़ें।
क्या है डायबिटीज
सबसे पहले हम यह समझ लेते हैं कि डायबिटीज क्या होती है। दरअसल, इस बीमारी में रक्त में ग्लूकोज की मात्रा एक सीमा से अधिक हो जाती है। इस अवस्था में इंसुलिन काम करना बंद कर देता है, जिससे रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने लगती है। एक बार मधुमेह की बीमारी होने पर उम्र भर तक मरीज की अधिक देखभाल करनी पड़ती है। वहीं, मधुमेह की बीमारी से अन्य बीमारियों को भी जन्म मिलता है, जिसमें दिल से जुड़ी गंभीर बीमारी भी शामिल है। वहीं, डायबिटीज की अलग-अलग अवस्थाओं को देखते हुए विशेषज्ञों ने इसे दो वर्गों में बांटा है, जो कि टाइप-1 और टाइप-2 है।
क्या होती है टाइप-1 डायबिटीज
टाइप-1 डायबिटीज एक अनुवांशिक बीमारी है। यदि परिवार में किसी शख्स को यह बीमारी रही है, तो उससे संबंधित व्यक्ति को यह बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है। इस बीमारी में शरीर के अंदर इंसुलिन नहीं बनता है, जिससे शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है। इस बीमारी के तहत हमारे शरीर की कुछ कोशिकाएं हमारे पैंक्रियाज की कोशिकाओं को इंसुलिन बनाने से रोकती हैं, जिससे इंसुलिन नहीं बनता है। ऐसे में जब इंसुलिन नहीं बनेगा, तो शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ेगी।
क्या होती है टाइप-2 डायबिटीज
टाइप-2 डायबिटीज खराब जीवनशैली से होता है। यह रात में अधिक समय तक जागने, सुबह देर तक सोने, सही समय पर भोजन न खाने, नशा करने और निष्क्रीय जीवनशैली की वजह से भी हो सकता है। इस बीमारी में शरीर के अंदर इंसुलिन बनना बंद हो जाता है। ऐसे में रक्त में मौजूद कोशिकाएं Insulin के प्रति कम संवेदनशील हो जाती हैं, जिससे शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ती है और टाइप-2 डायबटिज की संभावना बढ़ जाती है।
शरीर में कैसे काम करती है शुगर
हमारे शरीर में पैंक्रियाज इंसुलिन बनाता है। इंसुलिन बनने पर हमारे शरीर में ग्लूकोज ऊर्जा के रूप में स्टोर कर लिया जाता है। वहीं, जब भी भूख लगने पर हमारी शरीर में ऊर्जा की कमी होती है, तब यह स्टोर की हुई ऊर्जा उपयोग में आती है। वहीं, जब पैंक्रियाज इंसुलिन नहीं बनाता है, तब ग्लूकोज स्टोर होने के बजाय हमारे रक्त में बढ़ने लगता है, जिससे हमारे रेड और व्हाइट ब्लड सेल्स अपना काम ठीक तरह से नहीं कर पाते हैं और हमें कई प्रकार के रोग घेरने लगते हैं। आपको यह भी बता दें कि शरीर में यदि शुगर की मात्रा बहुत कम हो जाए, तो इंसान चक्कर खाकर गिर सकता है या फिर उसे बोलने में परेशानी हो सकती है। ऐसे में शुगर का कम या अधिक होना, दोनों ही खतरनाक है।
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