भारत में कैसे हुई थी रक्षा बंधन पर्व की शुरुआत, यहां जानें

रक्षा बंधन का पर्व श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस बार यह 19 अगस्त 2024 को है। भाई और बहनों के प्रेम का यह त्योहार सिर्फ पर्व तक नहीं है, बल्कि यह दोनों के बीच अटूट रिश्ते की डोर है, जो कि कलाई पर बंधी डोर के रूप में नजर आती है। इस कड़ी में क्या आप जानते हैं कि भारत में रक्षा बंधन पर्व की शुरुआत कैसे हुई थी ? यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।  

Aug 19, 2024, 12:15 IST
रक्षा बंधन 2024
रक्षा बंधन 2024

रक्षा बंधन का पर्व श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस बार यह 19 अगस्त 2024 को मनाया जा रहा है। यह एक पर्व तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भाई और बहन के अटूट प्रेम और बंधन का भी प्रतीक है।

यही वजह है कि प्रतीक के तौर पर बहनें अपने भाई की कलाई पर कच्चा धागा बांधकर उनसे अपनी रक्षा का वचन लेती हैं। इस कड़ी में क्या आप जानते हैं कि भारत में रक्षा बंधन का पर्व कैसे शुरू हुआ था ? यदि आप नहीं जानते हैं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे। 

पौराणिक कथाओं में है जिक्र

रक्षा बंधन के पर्व का जिक्र पौराणिक कथाओं में भी मिलता है। इस कड़ी में महाभारत काव्य के मुताबिक, एक बार भगवान श्रीकृष्ण की अंगुली में चोट लगी और खून निकलने लगा। इसे देख पांचाली द्रौपदी से रहा नहीं गया और उन्होंने अपने पल्लू का कुछ भाग फाड़कर श्रीकृष्ण की अंगुली पर बांध दिया, जिससे उनका रक्तस्राव रूक गया। श्रीकृष्ण ने द्रोपदी को अपनी बहन माना और उनकी रक्षा का वचन दिया। 

मेवाड़ के इतिहास में दर्ज है रक्षा बंधन

मेवाड़ के राजा राणा सांगा का विवाह रानी कर्णावती से हुआ था। उन्होंने अपने जीवन में कई युद्ध लड़े और इस बीच उनका युद्ध गुजरात के शासक बहादुर शाह से हुआ, जिसमें वह वीरगति को प्राप्त हुए। इस दौरान रानी कर्णावती ने दिल्ली के शासक हुमायूं को पत्र लिखने के साथ राखी भेजकर अपनी रक्षा की गुहार लगाई। हालांकि, यह पत्र हुमायूं तक देरी से पहुंचा और तब तक रानी कर्णावती ने आत्मसम्मान के लिए जौहर कर लिया था। 

बंगाल विभाजन पर राखी

साल 1905 का वह समय था, जब ब्रिटिश ने बंगाल विभाजन कर दिया था। इससे भारतीयों में रोष देखा गया और सड़कों पर बड़ी संख्या में धरना-प्रदर्शन हुआ। इस बीच गुरुदेव के नाम से मशहूर और राष्ट्र-गान के रचयिता रबिंद्रनाथ टैगोर ने राखी का पर्व शुरू किया और एक-दूसरे की कलाई पर राखी बांध रक्षा का पर्व मनाया। ऐसे में भारत में रक्षा बंधन पर्व को और मजबूती मिली। 

राजस्थान में भाभियों की कलाई पर राखी

आपको बता दें कि राजस्थान में विशेष रूप से मारवाड़ी समुदाय की महिलाएं अपने भाई की कलाई के बदले अपनी भाभियों की कलाई पर राखी बांधती हैं। इसके पीछे तर्क यह है कि उनके भाई के पत्नी उनके भाई के सबसे करीब होती हैं और ऐसे में वे उनका अच्छे से ध्यान रखने के साथ उनकी रक्षा के लिए भी जिम्मेदार हैं। 

पढ़ेंः Happy Raksha Bandhan 2024 Quotes in Hindi: इस रक्षाबंधन भाई-बहन के रिश्ते में इन शुभकामनाएं और संदेश से घोलें मिठास

Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

A seasoned journalist with over 7 years of extensive experience across both print and digital media, skilled in crafting engaging and informative multimedia content for diverse audiences. His expertise lies in transforming complex ideas into clear, compelling narratives that resonate with readers across various platforms. At Jagran Josh, Kishan works as a Senior Content Writer (Multimedia Producer) in the GK section. He can be reached at Kishan.kumar@jagrannewmedia.com
... Read More

आप जागरण जोश पर भारत, विश्व समाचार, खेल के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए समसामयिक सामान्य ज्ञान, सूची, जीके हिंदी और क्विज प्राप्त कर सकते है. आप यहां से कर्रेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें.

Trending

Latest Education News