आजादी के इतने सालों के बाद भारत में कुछ ऐसे स्थान है जहाँ भारतीयों का प्रवेश निषेध है जबकि विदेशी नागरिकों को प्रवेश की अनुमति है और इन स्थानों का स्वामित्व किसी ना किसी भारतीय के पास ही है.
उत्तरी एवं उत्तर-पूर्वी सीमा क्षेत्र के आस-पास भारत में कई ऐसे स्थान भी हैं जहाँ प्रवेश करने के लिए सरकार का विशेष परमिट या इनर लाइन परमिट की जरुरत होती है. इस विडियो के माध्यम से उन भारत के 6 स्थानों के बारे में जानते है जहाँ भारतियों का जाना निषेद है.
हिमाचल प्रदेश के कसोल जगह में एक इजरायली कैफे है जिसका नाम फ्री कसोल कैफे हैं. 2015 में यह कैफे फेमस हुआ था जब इसने भारतीय नागरिकों को बिना पासपोर्ट के अपनी सेवाएं देने से इनकार कर दिया था. इसी प्रकार से चेन्नई में स्थित एक लॉज जिसका नाम हाइलैंड है, यहाँ केवल उन्हीं ग्राहकों को सेवाए प्रदान की जाती है जिसके पास विदेशी पासपोर्ट होता है. अथवा वही भारतीय रुक सकता है जिसके पास किसी दुसरे देश का पासपोर्ट हो. दूसरी और देखे तो उत्तरी सेंटिनल द्वीप जोकि अंडमान द्वीप का हिस्सा है. इस द्वीप में “सेंटीनिलिज” नाम के आदिवासी रहते है जिसके कारण यह द्वीप अपने मुख्य द्वीप से अलग हो गया है. ये आदिवासी नहीं चाहते है कि कोई भी पर्यटक या मछुआरा यहाँ आए . 2004 की सुनामी में इस जनजाति ने भारतीय तटरक्षक बलों के हेलीकाप्टर पर तीरों से हमला किया और आने नहीं दिया था, परन्तु ये लोग अपना बचाव करने में कामियाब रहे थे.
इसी प्राकर से एक मलाना गाँव है हिमाचल प्रदेश में इसकी भी अपनी कहानी हैं. यहा पे रहने वाले लोग अलेक्जेंडर के घायल सैनिक जोकि इसी जंव में रुक गए थे उनको अपना पूर्वज मानते हैं. यहाँ के लोगों को मुझे मत चुओं के उपनाम से भी जानते है क्योंकि यहाँ पे रहने वाले लोग किसी बाहरी व्यक्ति को अपना सामान अथवा इस गाँव की सीमा को पार करने की अनुमति नहीं देते हैं. एक बांध परियोजना जोकि इस गाँव को लोगों के करीब लाई है जिसका नाम मलाना जलविद्युत स्टेशन है. यह परियोजना इस क्षेत्र में राजस्व प्राप्ति का एकमात्र स्रोत है. क्या आप जानते हैं कि भारत में ऐसे भी कुछ समुद्र तट है जो केवल विदेशियों के लिए ही अरक्षित हैं और वे गोवा और पुदुचेरी में स्थित हैं. कुछ स्थान भारत में ऐसे भी हैं जहाँ भारतीय और विदेशी दोनों को ही परमिट की जरुरत होती है जैसे कि लक्षदीप द्वीपसमूह में अगाती, कदमत और बांगरम द्वीपों में केवल विदेशियों को जाने की अनुमति है और मिनिकॉय और अमिनी में केवल भारतीय पर्यटक ही जा सकते है.
इन स्थानों के बारें में जानकर हैरानी होती है कि भारत में अभी भी कुछ स्थानों पे भारतीय नहीं जा सकते हैं या फिर उनको सरकार से विशेष परमिट या इनर लाइन परमिट की आवश्यकता होती है.
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