नासा का SpaceX Crew-1 मिशन क्या है?

हाल ही में SpaceX’s Crew Dragon स्पेसक्राफ्ट फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया जिसमें चार अंतरिक्ष यात्री Crew-1 मिशन के तहत इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS)  के लिए रवाना हुए. आइये इस लेख के माध्यम से Crew-1 मिशन के बारे में अध्ययन करते हैं.

Nov 19, 2020, 17:16 IST
NASA's SpaceX Crew-1 Mission
NASA's SpaceX Crew-1 Mission

जैसा की हम जानते हैं कि चार अंतरिक्ष यात्री Crew-1 मिशन के तहत इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए रवाना हुए. कैनेडी स्पेस सेंटर से अंतरिक्ष यात्रियों ने उड़ान भरी.

इन अंतरिक्ष यात्रियों में 3 नासा से जिनका नाम है माइकल हॉपकिंस, विक्टर ग्लोवर और शैनन वॉकर और साथ में 1 अंतरिक्ष यात्री जापान के एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी से है जिनका नाम सोइची नोगुची है. 6 महीनों तक ये अंतरिक्ष यात्री इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में रहेंगे. 

गौरतलब है कि मिशन से ठीक पहले नासा ने SpaceX’s Crew Dragon और फाल्कन 9 (Falcon 9) रॉकेट को प्रमाणित किया, जिससे यह अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा प्रदान किया गया पहला अंतरिक्ष यान प्रमाणन बन गया. इसका मतलब है कि SpaceX  अब अंतरिक्ष स्टेशन के लिए नियमित उड़ानें संचालित कर सकता है.

बोइंग (Boeing) और स्पेसएक्स (SpaceX) को सितंबर 2014 में नासा द्वारा चयनित किया गया था ताकि परिवहन प्रणालियों को यूएस (US) से ISS में स्थानांतरित किया जा सके. 

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आइये अब Crew-1 मिशन के बारे में अध्ययन करते हैं 

यह मिशन नासा के कमर्शियल Crew प्रोग्राम का हिस्सा है. नासा एवं SpaceX इस प्रोग्राम के तहत 6 Crew मिशन भेजेंगे जिसमें से यह पहला मिशन है. यहीं आपको बता दें कि इस मिशन में SpaceX के द्वारा निर्मित Crew Dragon कैप्सूल और फाल्कन 9 राकेट का इस्तेमाल किया गया है.

यहाँ पर Crew Dragon का नाम Resilience रखा गया है. जो चार अंतरिक्ष यात्री इस मिशन के तहत गए हैं वो दो रुसी और एक अमेरिकी यात्री को ज्वाइन करेंगे जो पिछले महीने कजाकिस्तान से ISS के लिए रवाना हुए थे.

 Crew-1 ISS के लिए एक फाल्कन 9 रॉकेट पर SpaceX Crew ड्रैगन अंतरिक्ष यान की पहली परिचालन उड़ान होगी और 2020-2021 के दौरान निर्धारित तीन उड़ानों में से यह पहली उड़ान होगी.

Crew-1 मिशन का लक्ष्य क्या है?

- माइक्रोग्रेविटी के बारे में अध्ययन करना.

- अंतरिक्ष यात्रियों के शरीर पर डाइटरी changes से पड़ने वाले प्रभाव के बारे में अध्ययन करना.

- ब्रेन फंक्शन पर स्पेसफ्लाइट से पड़ने वाले प्रभाव के बारे में अध्ययन करना.

- माइक्रोग्रेविटी का हृदय ऊतकों पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में अध्ययन करना है.

यानी ऐसा कहना गलत नहीं होगा कि मिशन के लक्ष्य एक्सपेडिशन 1 (Expedition 1) के समान हैं जो 20 साल पहले लिफ्ट ऑफ कर लिया गया था. नासा ने इन दोनों ISS मिशनों को "ऐतिहासिक" कहा है. 

ऐसा बताया जा रहा है कि Crew -1 के सदस्य ISS में टीम एक्सपेडिशन 64 के सदस्यों को ज्वाइन करेंगे और माइक्रोग्रेविटी  पर अध्ययन करेंगे. साथ ही नए विज्ञान हार्डवेयर और एक्सपेरिमेंट्स को भी वितरित करेंगे.

कुछ रिसर्च जो Crew अपने साथ ले जा रहे हैं, उनमें खाद्य शरीर विज्ञान (food physiology) की जांच करने वाली सामग्री भी शामिल है, जो इम्यून फंक्शन और गट माइक्रोबायोम (gut microbiome) पर डाइटरी प्रभावों के बारे में अध्ययन करेंगे और कैसे इन सुधारों से Crews अंतरिक्ष यान की परिस्थितियों को एडाप्ट कर सकते हैं के बारे में जानेंगे.

Crew Dragon में एक अन्य एक्सपेरिमेंट "Genes in Space-7" शीर्षक से एक छात्र द्वारा तैयार किया गया एक्सपेरिमेंट है, जिसका उद्देश्य यह समझना है कि स्पेसफ्लाइट मस्तिष्क के कार्य (brain function) को कैसे प्रभावित करता है.

अन्य एक्सपेरिमेंट्स में एक रिसर्च शामिल है जो वैज्ञानिकों को तरल, चट्टानों और सूक्ष्मजीवों की इंटरेक्शन को समझने में सक्षम करेंगे, मानव स्वास्थ्य पर माइक्रोग्रैविटी की भूमिका पर एक्सपेरिमेंट करेंगे और यह भी अध्ययन करना कि कैसे  माइक्रोग्रैविटी हृदय के ऊतकों को प्रभावित करती है.

आइये अब कमर्शियल Crew प्रोग्राम के उद्देश्य के बारे में जानते हैं 

- स्पेस में आसानी से पहुंच को सुनिश्चित करना.

- साइंटिफिक रिसर्च को कम लागत पर बढ़ावा देना.

- Crew और Cargo को कम लागत पर ISS तक ले जाना और वापस लाना.

अन्य महत्वपूर्ण तथ्य इस प्रकार हैं:

- नासा ने इस मिशन से ठीक पहले SpaceX के Crew Dragon कैप्सूल (स्पेसक्राफ्ट) और फाल्कन 9 को सर्टिफाइड किया था.

- यहीं आपको बता दें कि यह नासा द्वारा सर्टिफिकेशन प्राप्त करने वाला पहला स्पेसक्राफ्ट बन गया है. यानी अब SpaceX स्पेस स्टेशन के लिए नियमित उड़ान संचालित कर सकता है. 

- मई में इसी साल SpaceX का Crew Dragon 2 अंतरिक्ष यात्रियों को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन ले गया था लेकिन यह एक टेस्ट फ्लाइट थी ताकि अगर सिस्टम में कुछ गड़बड़ी हो तो उसे खत्म किया जा सके और यह परिक्षण सफल रहा.

- Shuttle स्पेसक्राफ्ट 2011 में रिटायर हुआ था और इसके बाद पहली बार अमेरिका की धरती से 2 अंतरिक्ष यात्रियों ने उड़ान भरी थी.

- Crew-1 मिशन की सफलता से नासा को अपने अंतरिक्ष यात्रियों को ISS भेजने के लिए रूस पर निर्भरता कम हो जाएगी.

- जब 2011 में Shuttle स्पेसक्राफ्ट रिटायर हो गया था तब से नासा अंतरिक्ष यात्रियों को ISS भेजने के लिए रूस के Soyuz स्पेसक्राफ्ट पर सीट खरीद रहा था और फिर भेजता था और इसके लिए उसे काफी पैसे देने पड़ते थे.

नासा के अनुसार, "यह कम-पृथ्वी की कक्षा और ISS तक अधिक से अधिक लोगों, अधिक विज्ञान और अधिक व्यावसायिक अवसरों तक पहुंच खोलकर मानव अंतरिक्ष यान इतिहास के आर्क को बदल रहा है."

Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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