जानें भारत के PSLV-C49 से लॉन्च किये गए सैटेलाइट EOS-01 के बारे में

Nov 10, 2020, 15:26 IST

भारत ने अपने नवीनतम अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट EOS-01 और 9 अंतर्राष्ट्रीय कस्टमर सैटेलाइट को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष सेंटर से लॉन्च किया. आइये इस लेख के माध्यम से EOS-01 और 9 अंतर्राष्ट्रीय कस्टमर सैटेलाइट के बारे में अध्ययन करते हैं.

India successfully launched EOS-01 satellite
India successfully launched EOS-01 satellite

ISRO ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्‍पेस सेंटर से PSLV-C49 के जरिए अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट EOS-1 और 9 अंतर्राष्ट्रीय कस्टमर सैटेलाइट को 7 नवंबर, 2020 को लॉन्च किया. यह PSLV का 51वां अभियान है.

PSLV-C49 से जिन सैटेलाइटों को लॉन्च किया गया, उनमें भारत का एक यानी EOS-1 , लिथुआनिया का एक, लक्जमबर्ग के चार और अमेरिका के चार सैटेलाइट हैं. 

EOS-01, भारत का नवीनतम अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट है जिसे सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया. EOS-01 रडार इमेजिंग सैटेलाइट (RISAT) है जो पिछले साल लॉन्च हुए RISAT-2B और RISAT-2BR1 के साथ मिलकर काम करेगा.

श्रीहरिकोटा के पहले लॉन्च पैड से PSLV-C49 लिफ्ट हुआ. 15 मिनट और 20 सेकंड के बाद, EOS-01 को सफलतापूर्वक अपनी कक्षा में स्थापित किया गया. इसके बाद, 9 कस्टमर सैटेलाइट को उनकी निर्धारित कक्षाओं में स्थापित किया गया. एक के बाद एक करके सारे सैटेलाइट्स उनके तय ऑर्बिट में स्थापित कर दिए गए हैं. 

EOS-01 के बारे में 

EOS-01 एक अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट है, जिसका उद्देश्य कृषि, वानिकी और आपदा प्रबंधन अनुप्रयोगों के लिए है. EOS-01 को शुरू में RISAT-2BR2 नाम दिया गया था. पिछले साल दिसंबर को EOS-01 के समान एक और अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट, RISAT-2BR1 के प्रक्षेपण के बाद से ISRO का यह पहला मिशन है. EOS-01 के साथ, ISRO अपने अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइटों के लिए एक नए नामकरण प्रणाली की ओर बढ़ रहा है, जो अब तक उद्देश्य के लिए उनके नाम के अनुसार रखा गया है.

भूमि और वन मैपिंग और मोनिटरिंग, पानी या खनिजों या मछलियों, मौसम और जलवायु ऑब्जरवेशन, मिट्टी का आकलन, जियो-स्पेसियल कंटूर मैपिंग (Geospatial Contour Mapping) जैसे संसाधनों की मैपिंग सभी अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट के माध्यम से की जाती है. इसलिए सभी अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट को EOS-series कहा जाता है.

अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट रिमोट सेंसिंग टेक्नोलॉजी से लैस उपग्रह है. पृथ्वी अवलोकन पृथ्वी के भौतिक, रासायनिक और जैविक प्रणालियों के बारे में जानकारी एकत्र करना है. कई पृथ्वी अवलोकन उपग्रहों को सूर्य-तुल्यकालिक कक्षा (sun-synchronous orbit) पर नियोजित किया गया है. इसरो द्वारा लॉन्च किए गए अन्य पृथ्वी अवलोकन उपग्रहों में RESOURCESAT- 2, 2A, CARTOSAT-1, 2, 2A, 2B, RISAT-1 and 2, OCEANSAT-2, इत्यादि शामिल हैं.

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आइये अब 9 कस्टमर सैटेलाइट के बारे में जानते हैं

इन्हें न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL), अंतरिक्ष विभाग के साथ एक कॉमर्शियल एग्रीमेंट के तहत लॉन्च किया गया.

लिथुआनिया का एक, लग्ज़म्बर्ग के चार और अमेरिका के चार ऐसे कुल 9 कस्टमर सैटेलाइट को न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) के साथ एक कॉमर्शियल एग्रीमेंट के तहत लॉन्च किया गया. यह मिशन इसलिए भी विशेष है क्योंकि इसरो PSLV-C49 रॉकेट से EOS-01 सैटेलाइट के साथ इन 9 कस्टमर सैटेलाइट को भी लॉन्च किया गया.

NSIL, ISRO की वाणिज्यिक शाखा है, जो भारतीय उद्योगों को उच्च प्रौद्योगिकी स्थान-संबंधी गतिविधियों को करने में सक्षम बनाने की प्राथमिक जिम्मेदारी के साथ ही भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम से निकलने वाले उत्पादों और सेवाओं के प्रचार और वाणिज्यिक दोहन के लिए भी जिम्मेदार है.

हाल ही में, भारत सरकार ने अंतरिक्ष से संबंधित गतिविधियों में भाग लेने वाले निजी क्षेत्र को बढ़ावा देने या भारत के अंतरिक्ष संसाधनों का उपयोग करने के लिए अंतरिक्ष विभाग के तहत एक स्वतंत्र नोडल एजेंसी भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (Indian National Space Promotion and Authorization Center, IN-SPACe) बनाया है.

रडार इमेजिंग (Radar Imaging) क्या है?

RISAT-2B और RISAT-2BR1 की तरह EOS-01 भी सिंथेटिक एपर्चर रडार का उपयोग भूमि की उच्च-रिज़ॉल्यूशन छवियों का उत्पादन करने के लिए करता है. 

इससे एक बड़ा फायदा यह है कि रडार इमेजिंग ऑप्टिकल उपकरणों पर है यानी यह मौसम, बादल या कोहरे, या सूरज की रोशनी की कमी से प्रभावित नहीं होता है. यह सभी परिस्थितियों में और हर समय उच्च-गुणवत्ता वाली छवियां उत्पन्न कर सकता है.

रडार द्वारा उपयोग किए जाने वाले इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन की वेवलेंथ के आधार पर,  भूमि के विभिन्न गुणों को इमेज में कैप्चर किया जा सकता है.

EOS-01, और RISATs, एक्स-बैंड राडार का उपयोग करते हैं जो कम वेवलेंथ पर काम करते हैं और शहरी परिदृश्य की निगरानी, और कृषि या वन भूमि की इमेजिंग के लिए सबसे अच्छे माने जाते हैं.

ISRO के अनुसार, EOS-01 कृषि, वानिकी और आपदा प्रबंधन समर्थन में अनुप्रयोगों के लिए है. राडार इमेज को सैन्य आवश्यकताओं के लिए भी काफी उपयोगी माना जाता है.

तो अब आप जान गए होंगे कि भारत का 'EOS-01' एक अर्थ ऑब्जरवेशन रिसेट सैटेलाइट है. यह एडवांस वर्जन में सिंथेटिक अपर्चर रडार (SAR) है जो किसी भी समय और मौसम में पृथ्वी पर नजर रखने की क्षमता रखता है. ऐसा कहा जा रहा है कि इस सैटेलाइट से भारतीय सेना को अपनी सीमाओं पर नज़र रखने में काफी मदद मिलेगी. इसके अलावा सैटेलाइट का इस्तेमाल खेती, फॉरेस्ट्री और डिजास्टर मैनेजमेंट में भी हो होगा.

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Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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