भारत के उत्तर में हम जब भी खूबसूरत वादियों की बात करते हैं, तो हमारे दिमाग में लद्दाख की अनोखी और अद्भुत तस्वीर आती है। यहां के दुर्गम रास्ते, शांत घाटियां और बर्फ से ढकी यहां की ऊंची पहाड़ियों यहां आने वाले सैलानियों को एकाएक अपनी तरफ आकर्षित करती हैं।
यही वजह है कि पर्यटन यहां का प्रमुख उद्योग है। ऐसे में सरकार द्वारा भी यहां पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है। इस कड़ी में हाल ही में लद्दाख में पांच नए जिलों को जोड़ा गया है। ऐसे में हम इस लेख के माध्यम से लद्दाख में कुल जिलों के बारे में जानेंगे।
लद्दाख का परिचय
सबसे पहले हम लद्दाख के बारे में जान लेते हैं। लद्दाख कश्मीर के पूर्वी भाग में स्थित है, जो कि अपनी खूबसूरत वादियों के लिए जाना जाता है। साथ ही यहां वह ऐतिहासिक स्थान भी है, जहां पाकिस्तान के खिलाफ ऐतिहासिक युद्ध लड़ा गया था। साल 2019 में केंद्र सरकार द्वारा धारा 370 हटने के बाद जम्मू और कश्मीर व लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा मिला और इनका पूरा अधिकार केंद्र सरकार के हाथ में आ गया।
पहले होते थे दो जिले
पहले लद्दाख में सिर्फ दो जिले हुआ करते थे, जो कि कारगिल और लेह है। इनमें से लेह जिला पर्यटकों के लिए पहली पसंद रहता है। क्योंकि, सफर और रोमांच के शौकिन लोगों को यहां घाटियों के बीच बाइक के सफर का आनंद मिलता है।
कौन-से जुड़े हैं पांच नए जिले
लद्दाख के पांच नए जिलों की बात करें, तो यहां जांस्कर, द्रास, नुब्रा, चांगथांग और शाम जिला है। इनमें से जांस्कर और द्रास कारगिल क्षेत्र में है, जबकि शाम, नुब्रा और चांगथांग लेह क्षेत्र में हैं।
काफी समय से हो रही थी जिले बढ़ाने की मांग
लद्दाख में राजनीतिक संगठनों के साथ-साथ कई सामाजिक संगठनों की ओर से नए जिलों को जोड़ने की मांग हो रही थी, जिसके बाद सरकार की ओर से यहां नए जिलों का गठन किया गया।
क्या होगा फायदा
अब सवाल है कि लद्दाख में नए जिले जोड़ने से क्या फायदा होगा ? आपको बता दें कि नए जिलों को जोड़ने से लद्दाख में प्रशासनिक व्यवस्था को बेहतर करने में मदद मिलेगी। आपको बता दें कि लद्दाख भारत का सबसे बड़ा केंद्र शासित प्रदेश है।
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