राजस्थान 30 मार्च, 2024 को 75 वर्ष का हो गया है। साल 1949 में राजस्थान राज्य का गठन हुआ था, जो कि कुल 22 रियासतों को मिलाकर बना था। हालांकि, राजस्थान की 22 रियासतों का भारत में विलय करना आसान नहीं था। क्योंकि, यहं की धरती शुरू से ही राजा-महाराजाओं की रही है। ऐसे में यहां राजा-महाराओं की अपनी सत्ता थी। इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि राजस्थान किस प्रकार भारत का सबसे बड़ा राज्य बन गया।
राजस्थान में कुल जिले
सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि राजस्थान में कुल कितने जिले हैं, तो आपको बता दें कि राजस्थान में कुल 50 जिले हो गए हैं। इससे पहले राजस्थान में कुल 33 जिले हुआ करते थे। हालांकि, बाद में यहां 17 जिलों को और जोड़ा गया।
पहले इस नाम से जाना जाता था राजस्थान
आपको बता दें कि राजस्थान पहले अपने इस नाम से नहीं जाना जाता था, बल्कि यह राजपूताना नाम से जाना जाता था।
एक रियासत पर ब्रिटिश का कब्जा
राजस्थान में कुल 22 रियासतें थी, जिन पर राजा-महाराजाओं का अधिकार था। हालांकि, इसमें से एक रियासत ऐसी थी, जिस पर ब्रिटिश सरकार का अधिकार था। ये रियासत अजमेर-मेरवाड़ प्रांत थी।
स्वतंत्र राज्य की थी मांग
भारत की आजादी के बाद जब देश के एकीकरण की प्रक्रिया चल रही थी, तब कई रियासतों के राजाओं की मांग की थी कि उन्हें उनके प्रांत का शासन चलाने का अधिकार दिया जाए, क्योंकि उन्हें अपने प्रांत को चलाने का लंबा अनुभव है।
8 साल 7 महीने में हुआ एकीकरण
सरकार की ओर से राजस्थान की सभी रियासतों का एकीकरण करने का निर्णय लिया गया। इसके साथ ही यह प्रक्रिया 18 मार्च 1948 से शुरू हुई और एक नवंबर 1956 में एकीकरण प्रक्रिया पूरी हुई। ऐसे में 8 साल 7 महीने और 14 दिनों में कुल सात चरणों में एकीकरण की प्रक्रिया को पूरा किया गया।
कितना है राजस्थान का क्षेत्रफल
राजस्थान की 22 रियासतों का भारत में विलय करने के बाद इसका कुल क्षेत्रफल 3,42,239 वर्ग किलोमीटर है, जिसकी राजधानी जयपुर है। राजस्थान पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा और गुजरात के साथ-साथ पाकिस्तान से भी अपनी सीमा साझा करता है। राजस्थान का राजकीय पशु चिंकारा, राजकीय पक्षी गोडावण और राजकीय वृक्ष खेजड़ी है।
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