पहाड़ी क्षेत्रों से गुजरते हुए हम अक्सर सुरंगों से गुजरते हैं। पहाड़ों को अंदर से काटकर तैयार की गई इन सुरंगों को कई वर्षों की मेहनत में दिन-रात काम कर तैयार किया जाता है। वहीं, जब हम इन सुरंग से गुजरते हैं, तो ये सुरंगें कुछ ही सेकेंड में खत्म भी हो जाती हैं। हालांकि, दुनिया में एक ऐसी सुरंग भी है, जिसका सफर कुछ सेकेंड में नहीं, बल्कि कुछ मिनटों में पूरा होता है। वाहनों और सैलानियों को ध्यान में रखते हुए इस सुरंग को काफी चौड़ा भी बनाया गया है। इसके साथ ही सुरंग में रोशनी के भी पर्याप्त इंतजाम हैं, जिससे लंबी सुरंग में यात्रियों को अंधेरे की वजह से कोई परेशानी न हो। दुनिया की इस सबसे लंबी सुरंग को देखने के लिए देश-विदेश से सैलानी पहुंचते हैं। कहां हैं यह सुरंग और कितनी है लंबाई, जानने के लिए यह पढ़ें।
भारत में मौजूद है दुनिया की सबसे लंबी सुरंग
आपको यह जानकर गर्व होगा कि दुनिया की सबसे लंबी सुरंग भारत में मौजूद है, जो कि हिमाचल के रोहतांग जिले में है। यह सुरंग अटल टनल नाम से जानी जाती है, जिसे देखने के लिए भारत समेत विदेश से भी पर्यटक पहुंचते हैं।
10,000 फुट की ऊंचाई पर बनी है सुरंग
इस सुरंग का निर्माण समुद्र तल से 10,000 फुट की ऊंचाई पर किया गया है, जिसमें अत्याधुनिक तकनीक इलेक्टो-मैकेनिकल प्रणाली का इस्तेमाल हुआ है।
मनाली को लाहौल-स्पीति घाटी से जोड़ती है सुरंग
दुनिया की सबसे लंबी सड़क सुरंग भारत के प्रमुख पर्यटन स्थल मनाली को लेह के लाहौल-स्पीति घाटी से जोड़ने का काम करती है। बता दें कि पहले अधिक बर्फबारी होने के कारण मनाली और लेह के बीच करीब छह महीने तक मार्ग प्रभावित हो जाता था। इससे लोगों को काफी नुकसान उठाना पड़ता था। हालांकि, इस नई सुरंग से दोनों शहरों की बीच 46 किलोमीटर की दूरी घट गई है।
80 किलोमीटर प्रतिघंटा से दौड़ सकती हैं गाड़ियां
इस सुरंग को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसके अंदर गाड़ियों की रफ्तार कम न हो। यही वजह है कि इस सुरंग में 80 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से 3,000 से अधिक कारें और 15,00 ट्रक गुजर सकते हैं। टनल में मुसाफिरों को बेहतर सुविधा देने के लिए इसकी चौड़ाई अधिक रखी गई है। साथ ही टनल के हर हिस्से में लाइट की भी व्यवस्था है। इसके अलावा टनल के अंदर का मार्ग भी बेहतर तरीके से डिजाइन किया गया है। यही वजह है कि इस टनल को देखने के लिए दुनिया समेत भारत के अलग-अलग शहरों से लोग पहुंचते हैं।
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