गुफाओं के अंदर बना है स्कूल से लेकर कब्रिस्तान, कभी 20,000 लोगों का हुआ करता था घर

धरती पर मानव जाति का इतिहास सदियों पुराना है। इस दौरान मनुष्य खुद को बचाने के लिए शुरू से ही प्रयास करता हुआ आया है, जिससे आज हमें विभिन्न प्रकार की सभ्यताओं को देखने को मिलता है। इस कड़ी में आज हम आपको तुर्किये की एक ऐसी अंडरग्राउंड सिटी के बारे में बताने जा रहे हैं, जो कभी करीब 20,000 लोगों का घर हुआ करती थी। क्या है इसके पीछे की कहानी, जानने के लिए यह लेख पढ़ें। 

Kishan Kumar
May 30, 2023, 16:11 IST
डेरिनकुयु अंडरग्राउंड सिटी
डेरिनकुयु अंडरग्राउंड सिटी

दुनिया में जब भी बात मानव जाति की बात होती है, तब हम सदियों पीछे चले जाते हैं। वहीं, शुरुआत से ही मानव खुद की रक्षा के लिए प्रयास करता हुआ आया है। यही वजह है कि आज हमें विश्व में विभिन्न प्रकार की सभ्यता देखने को मिलती है। इसी कड़ी में दुनिया के हिस्से में एक ऐसी Underground City है, जो कभी करीब 20,000 लोगों का घर हुआ करती थी। हैरानी की बात यह है कि सदियों पहले इस सिटी को बसाया गया था, जब न आधुनिक हथियार होते थे और न ही अन्य प्रकार के संसाधन मौजूद थे। इसके बावजूद,  जमीन के अंदर इतने बड़े शहर को बसाया गया था, जिसमें काफी समय तक लोग रहा करते थे। इसके साथ ही इस गुफा में स्कूल और कब्रिस्तान भी मौजूद है। इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि कहां है यह सिटी और किस तरह रहा करते थे लोग, जानने के लिए यह लेख पढ़ें। 

 

कहां हैं यह अनोखी Underground City

दुनिया की यह अनोखी Underground City तुर्किये में केप्पादोसिया में है, जिसे Derinkuyu के नाम से जाना जाता है। यह जमीन के अंदर गुफाओं के अंदर बसा हुआ अपने आप में अनोखा शहर है। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबकि, यह कभी 20,000 लोगों का घर हुआ करता था। 

 

कैसे हुई थी खोज

साल 1960 में जब एक तर्किश व्यक्ति अपने घर में बेसमेंट की खोदाई करवा रहा था, तब उसे अपने घर के नीचे इस नए शहर का रास्ता मिला। लोगों ने जब हिम्मत कर इस रास्ते की तरफ बढ़ना शुरू किया, तो वह जमीन के नीचे बसे इस शहर को देखकर हैरान रह गए। यह उस समय का बड़ा शहर हुआ करता था, जो कि एक बहुत बड़ी आबादी घर था। 

 

18 मंजिल में बनी हुई है गुफा

इस गुफा को अंदर ही अंदर विभिन्न रास्तों से जोड़ा गया है, जिसके माध्यम से इसके अंदर रहने वाले लोग इसके अंदर ही अंदर ही दूसरे क्षेत्रों में चले जाते थे। इसके संकरे रास्ते हैं, जिसमें एक बार में सिर्फ एक ही व्यक्ति जा सकता है। वहीं, इसकी अधिकतम गहराई 75 मीटर यानि 250 फीट तक है। 

 

लोगों से लेकर जानवरों के लिए जगह

शोधार्थियों के मुताबिक, इस गुफा में लोगों के रहने से लेकर जानवरों को रखने के लिए भी स्थान बने हुए हैं। लोगों के लिए यहां पर छोटे-छोटे कमरे बने हुए हैं। वहीं, जानवरों को बांधने से लेकर उनके लिए बनाए अस्तबल की भी यहां पर जगह है। वहीं, यहां रहने वाले लोग बाहरी दुश्मनों से खुद को बचाने के लिए गुफाओं के प्रवेश द्वार पर एक बड़ा गोल पत्थर रखते थे, जब भी उन्हें खतरा महसूस होता था, तब वह पत्थर को ढकेलकर गुफा का रास्ता बंद कर देते थे। 

 

गुफा के अंदर बना हुआ है कब्रिस्तान

शोधार्थियों के मुताबिक, जब इस गुफा में किसी व्यक्ति की मौत हो जाती थी, तब उसे इस गुफा में बने हुए कब्रिस्तान में ही दफन कर दिया जाता था। हालांकि, वह इस दौरान विशेष केमिकल का भी प्रयोग करते थे। इसके अलावा इस गुफा में एक स्कूल भी बना हुआ है, जहां गुफा में रहने वाले बच्चे पढ़ने के लिए जाया करते थे। साथ ही पीने के पानी के लिए कुआं और जगह-जगह वेंटिलेशन के लिए छेद बनाए गए हैं। 

 

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