उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्ये के लाखों कर्मियों को 7वें वेतन आयोग के अंतर्गत वेतन देने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दिया है. इसके साथ ही कैबिनेट द्वारा इस प्रस्ताव पर मुहर लगाने के साथ ही राज्य के कर्मचारियों को जनवरी से 7वें वेतन आयोग के सिफारिशों के अनुसार वेतन मिलना आरंभ हो जायेगा. बढे हुए वेतन को लागु करने से अनुमान है कि सरकारी खजाने पर पहले साल में 26,573 करोड़ का अतिरिक्त बोझ बढ़ सकती है.
सरकार के इस फैसले से सरकारी कर्मचारियों के वेतम में लगभग 15-20 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है. कर्मचारियों के वेतन में औसत 25 फीसदी की जबकि मकान भत्ते में करीब 20 फीसदी की बढ़ोतरी की सिफारिश की गई थी. सरकार के इस फैसले से राज्य के लगभग 22 लाख कर्मचारियों को लाभ मिलेगा.
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 6 माह पूर्व 7वें वेतन आयोग के प्रस्तावों को राज्य में लागू करने सम्बंधित विभिन्न पहलुओं पर विचार करने के लिए एक समिति का गठन किया गया था. इस समिति ने राज्य सरकार को अपनी पहली रिपोर्ट सौंप दिया था. समिति ने अपने रिपोर्ट में राज्यकर्मियों को केंद्रीय कर्मियों के समान वेतनमान(पे-स्केल) जो 7वें वेतन आयोग के तहत निर्धारित की गयी है दिए जाने की सिफारिश किया था.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation