स्कूल के जस्ट बाद कॉलेज में एडमिशन लेकर छात्र कहीं न कहीं स्वतंत्रता का एहसास करते हैं, खासकर तब जब वे माता पिता से अलग किसी दूसरे शहर में पढ़ाई के लिए जाते हैं. लेकिन हमेशा स्वछंदता की यह राह आसान नहीं होती है. कभी कभी कुछ समस्याएं आती हैं जिनका सामना बड़े संयत तरीके से करना पड़ता है अन्यथा उनका भविष्यगामी परिणाम सुखद नहीं होता है. चूँकि पहले माता-पिता आपके साथ होते थे इसलिए वे आपको हर छोटी बड़ी मुश्किलों में आपकी मदद कर देते थे लेकिन अब आपको स्वयं ही सब कुछ करना है. अतः एलर्ट रहने के साथ साथ आपको कुछ जरुरी बातों पर ध्यान देना चाहिए ताकि अपने शुरूआती दिनों में अपने कॉलेज में एडजस्ट करने में आपको कोई परेशानी नहीं हो. नीचे दिए गए तथ्यों पर ध्यान देकर आप बड़ी आसानी से कॉलेज में एडजस्ट करके अपनी पढ़ाई सुचारू रूप से जारी रख सकते हैं-
1. पहले सप्ताह में अधिक से अधिक काम करने की कोशिश करें
आप अपने कॉलेज, वहां के स्टाफ, सुविधाएं, मानवसंसाधन, अपना विषय, उसके क्लास रूम तथा लाइब्रेरी आदि से जुड़ी सारी जानकारी पहले सप्ताह में ही प्राप्त कर लें ताकि आपको आगे चलकर अपनी पढ़ाई शुरू करने तथा अन्य गतिविधियों में भाग लेते समय अपना समय बर्बाद नहीं करना पड़े. अगर जानकारी हासिल करने में मुश्किले आ रही हों, तो अपने किसी सीनियर या कॉलेज स्टाफ की मदद लें.
2. रूममेट के साथ अपना रुख स्पष्ट रखें
यदि आप कॉलेज के हॉस्टल में साझा कमरे में रहते हैं, तो आपको कुछ मामलों में सतर्क रहने की आवश्यकता होगी और अपने रूममेट से अपनी हर बात को स्पष्ट करना होगा. अपनी अध्ययन शैली उसे बताएं तथा उसकी भी अध्ययन शैली को जानने की कोशिश करें. अगर दोनों की शैली मेल खाती है तो बहुत अच्छा अन्यथा आप दोनों एक दूसरे के साथ बैठकर सामंजस्य के साथ उसका एक सही रास्ता निकालें. ध्यान रखिये हॉस्टल के जिस कमरे में आप रहते हैं उसमें आप और आपका साथी दोनों बराबर के शेयरर हैं. अतः दोनों को एक दूसरे का ख्याल रखना चाहिए.
3. सेमिनार और चर्चा में भाग लें
आप कॉलेज में क्लास अटेंड करने के साथ साथ अन्य गतिविधियों में भी हिस्सा लें. अब आपके व्यक्तित्व के सम्पूर्ण विकास के लिए पढ़ाई के साथ साथ अन्य चीजें भी जरुरी हैं. अतः कॉलेज में होने वाले सभी सेमिनार तथा डिस्कशन में भाग लेने की कोशिश करें. इससे आपकी लोगों से जान पहचान तो बढ़ती ही है, इसके साथ साथ किसी चीज को विस्तृत दायरे में देखने का नजरिया भी विकसित होता है.
4. शुरुआत से ही मितव्ययी बनें/ शुरुआत से ही पैसे बचाने की आदत डालें
शुरू शुरू में पैसों का उचित प्रयोग समझ में नहीं आता और नहीं चाहते हुए भी हम आवश्यक्ता से अधिक खर्च कर बैठते हैं. जब तक आप स्वयं कुछ कमाने नहीं लगते तब तक माता-पिता द्वारा दिए गए निर्धारित पैसों में ही पूरा महीना चलाना होता है. पैसे बचाने की आदत डालें भले ही वो रकम बहुत थोड़ी ही क्यों न हो ? छात्रों को मिलने वाली छूटों की विशेष जानकारी रखें तथा उनका लाभ उठायें.
5. अपने कमरे को स्वच्छ और साफ सुथरा रखें
आपका कमरा वह जगह है, जहाँ आप अपना अधिकतम समय व्यतीत करते हैं. अगर वही जगह आपको अच्छा नहीं लगे या फिर वो आपके मन को शकून नहीं पहुंचाए तो फिर अन्य कार्यों में भी आपका मन सही तरीके से नहीं लगेगा. अपनी इच्छा के अनुरूप कुछ प्रेरणादायक लोगो के पिक्चर और कुछ कोटेशन आप अपनी दीवारों पर लगा सकते हैं ताकि आप उसे देखकर खुश तथा प्रेरित होते रहें. कमरे की हर चीजे व्यवस्थित तरीके से रखें ताकि पढ़ते समय आपके मन में किसी तरह का उलझन उत्पन्न नहीं हो.
6. अपने स्वास्थ्य की देखभाल करें
कहते हैं स्वस्थ्य ही धन है. बात भी सही है. अगर आप स्वस्थ्य नहीं हैं तो आप अपनी पढ़ाई कैसे करेंगे ? स्वस्थ्य शरीर में ही स्वस्थ्य मन का विकास होता है. सही तरीके से अध्ययन करने और अपने निर्धारित लक्ष्य तक पहुँचने के लिए आपको स्वस्थ्य रहना बहुत जरुरी है. अतः अपना पूरा पूरा ख्याल रखें. घर से बाहर रहने के कारण ज्यादातर मामलों में आपको खाना घर के बाहर ही खाना पड़ता है. इसलिए पौष्टिक तथा अपनी रूचि और शारीरिक क्षमता के अनुरूप ही भोजन करें. अगर आपको किसी चीज से एलर्जी है तो उसका पूरा पूरा ध्यान रखें. हो सके तो जंक फूड खाने से बचें.
7. सोशल बने
जीवन में सफलता के लिए सामजिक बनना भी जरुरी है. अपने सीनियर, जूनियर, स्कूल स्टाफ तथा फैकल्टी सबसे जान पहचान रखें. आवश्यक्ता पड़ने पर इनके काम आयें. खुद भी कोई समस्या हो तो इनके साथ अपनी समस्या को शेयर करें. इससे लोग आपको जान पायेंगे साथ ही आपके स्वभाव तथा गुणों से वाकिफ होंगे जो आगे चलकर आपके प्रोफेशनल जीवन में लाभदायक सिद्ध होगा.
8. अपनी जिम्मेदारियों को समझें
कॉलेज में हम स्वतंत्र होते हैं. यहीं से हमारे करियर की सही शुरुआत होती है. अगर यहाँ स्वतंत्रता मिलती है तो वह एक नई और गम्भीर जिम्मेदारी का भी एहसास कराती है. अब अपने किसी भी परिणाम के लिए आप किसी और को दोषी नहीं ठहरा सकते हैं. अतः अपनी स्वतंत्रता का सही इस्तेमाल करते हुए अपने कार्यों के प्रति जिम्मेदार बनें तथा उन्हें ईमानदारीपूर्वक निभाएं. ध्यान रखिये अपने किये गए कार्यों का परिणाम स्वयं ही भुगतना पड़ता है, अन्य लोग सिफ सहानुभूति ही दे सकते हैं. दोस्तों के बहकावे में आकर गलत आदतों का शिकार हरगिज न बने.
कॉलेज में प्रवेश करना और अपने सपनो को साकार करने की सही दिशा में कार्य करना हर स्टूडेंट्स के लिए महत्वपूर्ण होता है. लेकिन इस दौर में कुछ कठिनाइयाँ भी आती हैं, जिनका सामना आप इन दिए गए कुछ आवश्यक उपायों पर ध्यान देकर कर सकते हैं तथा आपने कॉलेज के नए माहौल में खुशीपूर्वक एडजस्ट हो सकते हैं.
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