आज की बेहद कठिन व प्रतिस्पर्धी होती व्यवसायिक परिस्थितियों में सुपरमार्केट या हाइपरमार्केट का प्रबंधन ही खुदरा प्रबंधन (रीटेल मैनेजमेंट) कहलाता है. पिछले दशक में इस उद्योग ने भारत में काफी विकास किया है. नयी विपणन नीति बनाने से लेकर व्यापार को विभिन्न क्षेत्रों में फ़ैलाने तक कम्पनियां ग्राहकों को लुभाने के सभी हथकंडे आजमा चुकी हैं.
यह एक ऐसा उद्योग है जो "ग्राहक सर्वोपरि है" के सिद्धांत पर कार्य करता है. अगली बार जब आप रिलाइंस फ्रेश अथवा बिग बाज़ार जैसे किसी हाइपर मार्केट या सुपरमार्केट से अपने पसंद की कोई वस्तु खरीदने जाएँ तो उस पर प्राप्त होने वाली छूट का विश्लेषण अवश्य करें. आज बाज़ार गतिशील है तथा यहाँ उपस्थित तंत्र पूरी तरह कप्यूटराइज्ड़ है. वो दिन लद गए जब आप ऊंची कीमत पर पास के किराना स्टोर से सामान लाते थे. आज लगभग हर चीज़ छूट के साथ उपलब्ध है. वास्तव में यह सेल सीज़न है वो भी बिना किसी कारण के. आज लगभग सभी ब्रांड्स बाज़ार में अपनी पैठ बढ़ाने के लिए अपनी फैक्ट्री आउटलेट से लेकर सुपरमार्केट तक सभी जगह छूट प्रदान कर रहे हैं.
अतः, खुदरा प्रबंधन एक ऐसा विषय है जिसके लिए आपको सभी ब्रांड्स, उनकी विपणन नीति तथा ग्राहकों को जीतने की रीटेल फिलोसोफी के बारे में जानकारी होना आवश्यक है.

विषय वस्तु
एक छात्र के रूप में रीटेल मैनेजमेंट पाठ्यक्रम से आपको निम्न विषयों को समझने में मदद मिलेगी
- खुदरा प्रबंधन का परिचय एवं संकल्पना
- रीटेल ट्रेंड्स
- रीटेल मार्केट विभाजन
- रीटेल प्राइसिंग एवं मर्चेंडाइजिंग
- रीटेलिंग में रिलेशनशिप मार्केटिंग
- रीटेलिंग में सूचना तकनीक का योगदान
- बाकी सभी विषय या तो इन विषयों के उप¬-विषय हैं या किसी न किसी रूप में इनसे जुड़े हुए हैं.
आवश्यक योग्यता तथा संस्थान
इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए आईआईएम जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में दाखिले के लिए कैट (कॉमन एडमिशन टेस्ट) परीक्षा पास करनी होगी तथा विदेशी विश्वविद्यालयों से एमबीए करने के लिए जीमैट परीक्षा पास करनी होगी .
रीटेल मैनेजमेंट में पाठ्यक्रम संचालित करने वाले कुछ अच्छे संस्थान हैं- एमडीआई, गुड़गांव व एनएमआईएमएस यूनिवर्सिटी, मुंबई. इनमें दाखिले के लिए आपको प्रवेश परीक्षा पास करनी होगी.
इस कोर्स को करने की लागत राशि
कॉलेज या इंस्टीट्यूट के चुनाव के आधार पर रीटेल मैनेजमेंट में किसी कोर्स की वार्षिक फीस 1 से 3 लाख हो सकती है. यदि आप यह कोर्स टियर-1 के बी-स्कूलों जैसे आईआईएम इत्यादि से करते हैं तो फीस उपरोक्त बताई गयी सीमा में अधिकतम होगी. यदि आप किसी ऐसी अंतर्राष्ट्रीय यूनिवर्सिटी का चुनाव करते हैं जो कि आपको विदेश में शिक्षा का अवसर प्रदान करे, तो उसकी फीस इससे भी ज्यादा हो सकती है.
इस कोर्स को पूरा करने के लिए मिलने वाली छात्र वृत्ति
शिक्षा ऋण लेने का सबसे अच्छा विकल्प स्टेट बैंक ऑफ़ इण्डिया है जो कि 7.5 लाख तक का ऋण प्रदान करता है. दूसरे बैंक भी ये सुविधा प्रदान करते हैं परन्तु ऋण लेने से पहले उनकी ब्याज दर के बारे में जानकारी अवश्य करें.
कई कॉलेज अच्छे छात्रों को स्कॉलरशिप भी देते हैं. हालाँकि भारत में यह कम प्रचलित है परन्तु विदेशी संस्थान कैट अथवा जीमैट में अच्छा स्कोर करने वाले छात्रों को पूरी स्कॉलरशिप प्रदान करते हैं. हालाँकि यहाँ भी आपको अतिरिक्त खर्चों जैसे रहने-खाने का प्रबंध स्वयं ही करना होगा. विदेशी संस्थान जीमैट व कैट स्कोर के आधार पर ही छात्रवृत्ति प्रदान करते है.
इस कोर्स को करने के बाद रोजगार के अवसर
स्नातक छात्रों के लिए इस क्षेत्र में रोज़गार की काफी संभावनाएं हैं. आप सेल्स एग्जीक्युटिव से अपने करियर की शुरूआत कर सकते हैं या सीधे सेल्स मैनेजर अथवा मार्केटिंग मैनेजर भी बन सकते हैं. यहाँ तक कि आप किसी बड़े रीटेल ब्रांड की फ्रेंचाईज़ लेकर अपना खुद का काम शुरू कर सकते हैं.
इस कोर्स को करने के बाद संभावित पैकेज
कार्य के परिमाण के आधार पर आप सेल्स एग्जीक्युटिव अथवा फ्लोर मैनेजर के तौर पर 15000 से 25000 रूपये तक मासिक वेतन प्राप्त कर सकते हैं. यहाँ आपकी ज़िम्मेदारी होती है- ग्राहकों को फ्लोर पर मैनेज करना व उन्हें खरीददारी में सहायता करना.
कॉर्पोरेट लेवल पर जाकर आप बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर भी बन सकते हैं.
इस क्षेत्र में रोजगार प्रदान करने वाली कंपनियों की सूची
भारत की शीर्ष 10 रीटेल कम्पनियां हैं-
शॉपर्स-टॉप,
वेस्टसाईड,
पेंटालूंस,
लाईफ-स्टाईल,
आरपीजी रीटेल,
क्रॉसवर्ड,
विल्स लाइफ स्टाईल,
ग्लोबस,
पीरामल्स एवं
एबनी रीटेल होल्डिंग्स.
इस क्षेत्र में रोजगार पाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव
किसी रीटेल कम्पनी में नौकरी पाने के लिए निम्नांकित बातों पर ध्यान दें -
- एक ऐसा रिज्यूमे तैयार कीजिये जो कि आपकी ग्राहकों से बात करने की कला व उत्कृष्ट संवाद क्षमता को दर्शाता हो.
- स्कूल या कॉलेज में प्राप्त किये गए पुरस्कारों का ज़िक्र रिज्यूमे में अवश्य करें.
- कम से कम 5 से 7 कंपनियों में आवेदन करें जिससे कि आप बेहतर विकल्प चुन सकें.