CBSE Class 12 Hindi (Core) Sample Paper 2018

Nov 13, 2017, 13:00 IST

CBSE Class 12 Hindi Sample Paper 2018 is available here. Students can download the complete Sample Paper along with Marking Scheme (or Hints). This Sample Paper is very helpful for the students preparing for CBSE 12th Hindi board exam 2018.

CBSE Sample Paper 2018 for Class 12 Hindi (Core)
CBSE Sample Paper 2018 for Class 12 Hindi (Core)

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CBSE Class 12 Hindi Core Syllabus 2017 - 2018

Some questions from CBSE Class 12 Hindi (Core) Sample Paper 2018 are given below

प्रश्न 1:

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए अरस्तू के अनुसार त्रासदी के छह आवश्यक तत्व हैं: कथानक, चरित्र, विचार, संभाषण, संगीत और दृश्यता। इनमें से पहले तीन तत्वों को कलाकृति के आंतरिक तत्वों के रूप में लिया जा सकता है और शेष तीन तत्वों को उसके बाहरी तीन तत्वों के रूप में। यह कहने की आवश्यकता नहीं कि बाहरी तत्वों की अपेक्षा आंतरिक तत्वों का महत्व कहीं ज्यादा हुआ करता है। इन आंतरिक तत्वों में भी सबसे पहले क्रम पर अरस्तु ने कथानक को रखा है। ध्यान टेने की बात हे कि अरस्तु ने कहानी की अपेक्षा कथानक शब्द का प्रयोग किया है। प्रायः हम कहानी और कथानक इन टोळनों शब्दों को एक ही अर्थ में इस्तेमाल करने के आदी है, लेकिन देखा जाए तो उन दोनों में बहुत अंतर है। कहानी का किसी कृति की संपूर्णता से संबंध है जबकि कथानक का संबंध उस संपूर्ण कहानी में से लिए गए किसी प्रसंग विशेष से हुआ करता है। यदि इसी बात को लेकर यूनानी नाटकों का उदाहरण दिया जाए तो राजा ईडिपस की तीन चौथाई कहानी नाटक आरंभ होने से पहले ही घटित हो चुकी है। नाटककार ने मात्र राजा ईडिपस दवारा सत्य का पता लगाने से सम्बदध घटनाओं को अपने नाटक का आधार बनाया है। स्पष्ट है कि उसने एक संपूर्ण रचना में से प्रसंग विशेष का चयन किया । अरस्तू का मानना है कि कथानक ही सबसे मुख्य तत्व है जिस पर बाकी सारे तत्व आश्रित रहते हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो कथानक नाटक के शरीर की तरह है जिसमें बाकी सारे अंग जुडे रहते है। यहाँ हम याद कर सकते हैं कि भारत ने भी नाटक के शब्ठों को उसके शरीर की संज्ञा दी है। इसमें कोई संदेह नहीं कि किसी भी नाटक की समीक्षा अथवा आलोचना के लिए कथानक ही उस पहली कडी का काम करता है जिसके माध्यम से हम उसके दूसरे तत्वों तक पहुँचते हैं।

(क) कलाकृति के आंतरिक तत्व से आप क्या समझते हैं? (2)

(ख) बाहरी तत्वों की अपेक्षा आतंरिक तत्वों का महत्व उन्याटा होता है - कैसे? कथानक से आप क्या समझते हैं? (2)

(ग) कथानक से आप क्या समझते हैं? (2)

(घ) कहानी और कथानक के अंतर को स्पष्ट कीजिए। (2)

(ङ) नाटक के शब्ठों को ‘नाटक का शरीर’ क्यों कहा गया है? (2)

(च) नाटक के लिए कथानक को आप कितना महत्वपूर्ण मानते हैं? (2)

(छ) त्रासटी के तत्वों में चरित्र और विचार संभाषण में क्या अंतर है?  (2)

(ज) गदयांश का उचित शीर्षक लिखिए। (1)

प्रश्न 2:

निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उतर लिखिएः

हमारी सोच के टायरे में

हमारे रिश्तों के बेशकीमती नगीने हैं

मैं इसे छू लेना चाहती हूँ

चलना चाहती हूँ साथ-साथ

तुम्हारी परछाई की तरह

हमारे फूल-तुम्हारे नक्शे

तुम उलझे हुए आदमी हो

तुम सुलझा नहीं सके समय की लट को

तुमने नहीं सीखा खुशियों से खेलना

तुम्हे नहीं आता सीधे-सरल सवालों के जवाब देना

तुमने तो यह भी नहीं समझा

कि डूबते हुए आटमी को तिनके का सहारा होता है

तुमने नहीं सीखा समंदर में उतरना

झंझावत अंवर कुंड से नाव को बचाना

सीखा है बंद सात कोठरी के भीतर

चीखों को बंद करना

तुमने सीखा है अंकुश के बालों से सीने छलनी करना

सीख लिया गर्म कोलतार जैसे परमादेशों को देह पर कैसे दागा जाता

तुमने अपनी निजी संस्कृति के हवन कुंड में

जिंदा लोगों की आहुतियाँ दी हैं....

पर वर्तमान को यह पसंद नहीं

उठाते हुए पौधे

तुम्हारे साए के पीछे-पीछे चल रहे हैं

वह दिन दूर नहीं

जब हमारी फुलवारी के फूल

तुम्हारे बनाए नक्शों को रौदेंगे....

(क) रिश्ते की तुलना नगीने से क्यों की गई है? (1)

(ख) मनुष्य समय की लट को क्यों नहीं सुलझा पाता?  (1)

(ग) तुमने नहीं सीखा समंदर में उतरना - का भाव स्पष्ट कीजिए। (1)

(घ) कविता में प्रयुक्त भंवर और कुंड के प्रतीकार्थ स्पष्ट कीजिए। (1)

(ङ) फुलवारी के फूल किसे कहा गया है? (1)

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Mayank Uttam is an Education Industry Professional with 8+ years of experience in teaching and online media. He is a B.Tech in Computer Science and has previously worked with organizations like Arihant Publications, Extramarks Education and many coaching centres. He is skilled in developing educational content like study materials, ebooks, multimedia assessment, and explainer videos. At jagranjosh.com, he creates content for School students as well as government exam aspirants. He can be reached at mayank.uttam@jagrannewmedia.com.
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