करियर में सफलता प्राप्ति के लिये अवश्य अपनाइए श्रीमद भगवद गीता के कुछ अचूक मंत्र

कर्म ही पूजा है work is worship का उद्घोष करने वाला आध्यत्मिक ग्रंथ गीता की महत्व को समझने तथा उसके सिद्धांतों को अमल में लाने की प्रेरणा से प्रतिवर्ष 30 नवंबर को गीता जयंती समारोह भारत सहित पूरे विश्व में मनाया जाता है.

Dec 4, 2017, 18:15 IST
Effective mantra of  Bhagwad Geeta for success in career
Effective mantra of Bhagwad Geeta for success in career

कर्म ही पूजा है work is worship का उद्घोष करने वाला आध्यत्मिक ग्रंथ गीता की महत्व को समझने तथा उसके सिद्धांतों को अमल में लाने की प्रेरणा से प्रतिवर्ष 30 नवंबर को गीता जयंती समारोह भारत सहित पूरे विश्व में मनाया जाता है. इस अवसर पर इसके कई श्लोकों का उच्चारण कर उसके अर्थ को जीवन में उतारने का संकल्प भी कई लोगों द्वारा लिया जाता है. वस्तुतः अगर गीता के कुछ नियमों का अक्षरशः जीवन में पालन किया जाय तो अपने जीवन में स्पष्ट बदलाव लाया जा सकता है. इसके श्लोक व्यक्ति के जीवन में बदलाव लाने की अद्भुत क्षमता रखते हैं. विशेष रूप से उस समय जब आप अपने जीवन में अपने करियर नौकरी या किसी व्यवसाय में लगातार मिल रही असफलताओं से हताशा के शिकार हो जाते हैं. उस समय आपकी इस चिंता और हताशा को दूर करने में गीता के श्लोक आपकी बहुत सहायता करते हैं. अधिकांश लोग करियर या जॉब में सफलता प्राप्ति के लिए कई टिप्स अपनाते हैं लेकिन तब भी मनोनुकूल सफलता नहीं मिल पाती है. आपको शायद पता नहीं कि आजकल जितने भी मोटिवेशनल गुरु हैं वे जीवन में आगे बढ़ने तथा सफलता प्राप्ति के लिए जो टिप्स बताते हैं वे अधिकांश गीता के अभिप्राय को ही इंगित करते हैं. हो सकता है कि ऐसा सोचकर आपको थोड़ा आश्चर्य जरुर होगा लेकिन वास्तविकता यही है और हम इसे इग्नोर नहीं कर सकते हैं. ऐसी स्थिति में अगर आप भी अपने करियर में सफलता प्राप्ति हेतु गीता में बताये गए कुछ बातों पर अमल करेंगे तो इसमें कोई शक नहीं कि अपने करियर से जुड़ी समस्याओं का आप बड़ी आसानी से निराकरण कर पायेंगे. गीता के सिद्धांतो पर आधारित कुछ अचूक टिप्स आपको नीचे बताये जा रहे हैं जिनपर अमल कर बिना किसी संदेह के आप मनचाही सफलता पा सकते हैं.

असफलता से सीख लेकर सफल होना आसान है

गीता में कहा गया है की जो हुआ अच्छे के लिए हुआ, जो हो रहा अच्छे के लिए ही हो रहा है और जो होगा वह भी अच्छे के लिए ही होगा. इसका मतलब है कि अगर आपको असफलता मिलती है तो उसके पीछे भी कहीं न कहीं आपके सफलता का एक राज छिपा हुआ है. बस आवश्यकता है उस छिपे राज को जानने या समझने की. आप ज्योंही अपनी असफलता का कारण जान लेते हैं और उसे दूर करने का उपाय करते हैं  सफलता अनायास ही आपके समीप आ जाती है. इसलिए किसी भी परिस्थिति में घबराएं नहीं तथा हमेशा संतुष्ट और सकारात्मक रहें.

अपने काम पर विशेष रूप से ध्यान दें

जीवन में अक्सर ऐसा होता है कि हम किसी भी काम को करने से पहले उससे मिलने वाले फल की चिंता करने लगते हैं. इस वजह से जिस समय हमें काम पर फोकस करना चाहिए उस समय हम उसके रीजल्ट पर फोकस करते हुए उस काम को पूरी तन्मयता के साथ नहीं कर पाते हैं. नौकरीपेशा वाले लोगों तथा व्यवसाय करने वालों को चाहिए कि वे  रीजल्ट के बारे में ज्यादा सोचने की बजाय अपने काम पर ज्यादा ध्यान दें. यह एक प्राकृतिक नियम है कि यदि आप काम पर ज्यादा फोकस करेंगे तो उसका रीजल्ट भी आपके लिए बेहतर ही होगा. अतः फल की चिंता किए बगैर हमें अपने काम को शिद्दत से करना चाहिए.

परिवर्तन प्रकृति का शाश्वत नियम है

परिवर्तन ही विकास का सूचक होता है और यह प्रकृति का शाश्वत नियम है. अपनी नौकरी या व्यवसाय में हुए  छोटे-बड़े बदलाव से या तो हम आहत होते हैं या फिर घबरा जाते हैं. लेकिन हमें यह समझना चाहिए  कि बदलाव प्रकृति का नियम है, जो हर परिस्थिति में होकर ही रहेगा. आपकी सफलता मुख्य रूप से इस बात पर निर्भर करती है कि आप किसी भी तरह के बदलाव के लिए अपने आपको मानसिक रूप से कैसे तैयार रखते हैं ? अगर आपने इन हालातों के लिए खुद को पहले से ही तैयार कर लिया है, तो आपको सफलता हासिल करने से कोई नहीं रोक सकता.

किसी भी परिस्थिति में भयभीत न हों

किसी भी क्षेत्र में सफल और असफल व्यक्तियों के बीच का फर्क सिर्फ उनके काम करने के तरीके से ही पता चलता है. अगर आप किसी काम को करते हुए डरते हैं, तो आप किसी भी हालत में सफल नहीं हो सकते. अपने क्षेत्र में सफल होने के लिए जरूरी है कि आप पहले अपने डर पर काबू करना सीखें . बिना ऐसा किए आप अपने क्षेत्र में बेहतर नहीं कर सकते हैं. ध्यान रखिये डर और चिंता किसी भी सफल व्यक्तित्व के सबसे बड़े दुश्मन होते हैं.

किसी भी काम को कर्तब्य समझकर करें उससे मानसिक रूप से अटैच न हों

किसी कार्य को करते समय व्यक्ति उससे मानसिक रूप से अटैच हो जाता है क्योंकि किसी चीज से जुड़ाव महसूस करना मानवीय स्वाभाव का हिस्सा है, लेकिन कई बार हमारा यही लगाव हमारे असफल होने की वजह बन जाता है. उदाहरण के तौर पर अगर हम  किसी एक नौकरी या ऑफिस में लंबे समय तक काम करते हैं तो वहां के लोगों से हमारा जुड़ाव निश्चित है. लेकिन अगर हमें अपने करियर में तरक्की करनी है तो हमें  समय दर समय अपनी नौकरी या काम करने के तरीके में बदलाव करना होगा. बिना इसके हम  स्वयं को सफल नहीं बना पाएंगे. हमें हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि किसी चीज या जगह से जरूरत से ज्यादा लगाव हमारे लिए बहुधा खतरनाक साबित हो सकता है.

अपने क्रोध पर नियंत्रण करना सीखें

अपने ऑफिस या व्यवसाय में कार्य करते समय कई ऐसे कई मौके आते हैं जब हम लालच और गुस्सा के शिकार हो जाते है. गुस्से की वजह से हमें जीवन में कितना नुकसान उठाना पड़ता है इसका अंदाजा लगाना बड़ी मुशिकल होता है. इसमें कोई दो राय नहीं की यदि आपने इन दो प्रवृतियों गुस्सा और लालच पर नियन्त्रण पा लिया तो आपको अपने जीवन में सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है. इसलिए आपको हमेशा इन दो चीजों से बचकर रहना चाहिये.अधिक लालच एकतरफ जहाँ आपका बहुत  नुकसान करा सकता है वहीं जरूरत से ज्यादा गुस्सा आपको किसी बड़ी मुसीबत में भी  डाल सकता है.

हमेशा सकरात्मक सोच रखें

व्यक्ति की सफलता में उसके सकारात्मक सोच की बहुत बड़ी भूमिका होती है. किसी भी सफलता के पीछे सकारात्मक सोच सफलता प्राप्ति की पहली कड़ी होती है. उदहारण के लिए अगर आपकी सोच सकारात्मक है तो आप खुद को बुरे से बुरे वक्त में भी सकारात्मक बनाए रखेंगे. इससे आपको उन बुरे दिनों में भी अपने काम को बेहतर तरीके से करने और उसका सही परिणाम प्राप्त करने में शत प्रतिशत सफलता मिलेगी. लेकिन यदि इसके विपरीत अगर आपकी सोच नकारात्मक है तो आपके तमाम प्रयासों के बावजूद  भी आपको सफलता नहीं मिलेगी. इसलिए हमेशा अपने दिमाग में यह बात रखें कि आपकी सफलता में आपकी सोच एक बड़ी भूमिका निभाती है.

अपरिहार्य परिस्थिति में शांतचित रहने की कोशिश करें

जीवन की आपाधापी और निरंतर आगे बढ़ने की इच्छा से मन कभी कभी बड़ा अस्थिर सा हो जाता है. मन को शांत रखने में ध्यान की महिमा अभूतपूर्व है. यह एक दवा की तरह काम करता है. इसलिए थोड़े देर तक ध्यान करने की आदत डालनी चाहिए. गीता में ध्यान करने के लिए रोजाना निकाले जाने वाले समय को किसी की सफलता के लिए काफी अहम बताया गया है. गीता के अनुसार अगर आप रोजाना के काम से थोड़ा समय निकाल कर कुछ मिनट ध्यान करते हैं तो यह आपके लिए काफी फायदेमंद होगा. इससे आपके दिमाग को शांत करने और अपने काम को दोबारा  बेहतर तरीके से शुरू करने में बहुत मदद मिलती है. इससे हमारे जीवन में संतुलन बना रहता है.

दुविधा से दूर रहें

कुछ लोगों की स्वाभाविक प्रवृति होती है दुविधा में रहने की. वे अक्सर ऐसा सोचते रहते हैं कि मैं यह काम करूँ या नहीं करूँ. वे यह निश्चय ही नहीं कर पाते कि उन्हें कौन सा काम करना चाहिए और कौन सा नहीं या फिर किस वक्त कौन सा काम करना चाहिए ? दुविधा में रहना कई बार व्यक्ति के लिए काफी नुकसानदायक साबित हो सकता है. गीता में बताया गया है कि यदि आपके दिमाग में किसी काम को लेकर दुविधा है तो उस काम को कभी नहीं करना चाहिए. यदि बलपूर्वक आप ऐसा करते हैं तो उस काम में आपको सफलता मिलने की संभावना काफी कम होती है. इसलिए जीवन में हमेशा दुविधा से बचने की कोशिश करनी चाहिए.

अपना लक्ष्य हमेशा बड़ा रखें

जीवन में अपना लक्ष्य हमेशा बड़ा रखना चाहिए. कहते हैं अगर आप सूर्य को संधान करने की कोशिश करेंगे तो भले ही आपका तीर सूर्य तक न पहुँच पाए लेकिन आपका तीर बहुत उंचाई तक पहुँच जाएगा. गीता के कुछ श्लोक में यह बताया गया है कि किसी भी सफल आदमी के पीछे उसकी सोच तथा लक्ष्य का अहम रोल होता है. यदि आपका लक्ष्य बड़ा है तो आप आवश्य ही जीवन में कुछ बड़ा कर पाने में सक्षम होंगे. लेकिन लक्ष्य ही अगर बहुत छोटा हो तो आपका प्रयास भी उसी हद तक होगा. इसलिए जीवन में हमेशा कुछ बड़ा करने की सोंचे और उसके अनुरूप काम करें. अपने बड़े लक्ष्य को हासिल करने में आपके सामने कई तरह की दिक्कतें आएंगी लेकिन आपको इन सबको नजरअंदाज करते हुए अपना काम करते रहना चाहिए. 

अतः अगर आप भी चाहते हैं जीवन तथा करियर में शत प्रतिशत सफलता की गारंटी तो इन बातों पर अमल कीजिये और फिर देखिये उसका परिणाम. निःसंदेह सफलता आपके कदमों में होगी.

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