भारत देश एक कृषि प्रधान देश है. यहाँ एग्रीकल्चर एक बड़ा और विविधता वाला क्षेत्र है. इसमें और इसके साथ ऐसे कई क्षेत्र जुड़े हैं, जिनमें काफी बड़ी संख्या में करियर उपलब्ध हैं. एग्रीकल्चर में कृषि या इससे सीधे जुड़े लोग ही नहीं हैं, बल्कि ऐसे लोग भी हैं, जो इसके मैनेजमेंट और फाइनेंशियल पक्षों के स्पेशलिस्ट हैं. एग्रीकल्चर फील्ड में काम करने का मतलब है खेती-किसानी से जुड़े तमाम काम और सभी तरह की फसलें. इसमें नवीनतम कृषि उत्पादों की खोज, उन्नत किस्मों का विकास, ज्यादा पैदावार एवं कम लागत वाले बीज जो कि सभी खाद्य उत्पादों, नगदी फसलों और प्राकृतिक रेशों वाली फसलों, आदि के लिए इस्तेमाल हो सकें, शामिल हैं. इन्हीं से जुड़ा है एग्रीकल्चर साइंस एवं रिसर्च का क्षेत्र. यदि आप एग्रीकल्चर साइंस से हैं ग्रेजुएट तो आपके लिए ढेरो नौकरियां हैं जैसे नेशनल बैंक में डेवलपमेंट असिस्टेंट जॉब्स, एग्रीकल्चर साइंटिस्ट जॉब्स, बैंक (कृषि क्षेत्र अधिकारी), एग्रीकल्चरल ग्रेजुएट ट्रेनी आदि के अलावा अन्य अनेकों पद हैं जिन पर आवेदन करके अपना करियर सुरक्षित कर सकते हैं.
इसके अलावा उम्मीदवार सरकार के कई विभागों में नौकरी के लिए आवेदन निकलने पर आवेदन कर सकते है, जैसे कृषि मंत्रालय, कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग, कृषि और किसान कल्याण विभाग में नौकरी करने के लिए भी तैयारी कर सकते है.
क्या करते हैं एग्रीकल्चर साइंटिस्ट?
एग्रीकल्चर साइंटिस्ट के पदों पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार के कृषि से जुड़े विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों, कृषि से जुड़े रिसर्च संस्थानों, विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों, आदि में भर्ती की जाती है. एग्रीकल्चर साइंटिस्ट का पद संबंधित विभाग की रिक्ति के अनुसार द्वितीय श्रेणी स्टाफ के रूप निर्धारित होता है. एग्रीकल्चर साइंटिस्ट कृषि के विभिन्न विभागों (अनाज, सब्जियां, फल-फूल, मत्स्य पालन, मृदा, डेयरी, जिनोम, आदि) में उन्नत किस्मों, प्रजातियों, हाइब्रिड श्रृंखलाओं, आदि के बारे में रिसर्च करते हैं और समय-समय पर आवश्यक नीतिगत मामलों में सरकार को सुधार के लिए सुझाव भी देते हैं.
एग्रीकल्चर साइंटिस्ट की भूमिका संबंधित विभाग या संस्थान में कृषि की उत्पादकता बढ़ाने और नवीनतम किस्मों की खोज के संदर्भ में बहुत महत्वपूर्ण होती है. इसलिए एग्रीकल्चर साइंटिस्ट बनने के लिए यह अत्यंत आवश्यक है कि आपको कृषि के संबंधित क्षेत्र में किस्मों, जलवायु, उत्पादन, वितरण, आदि से अपडेट रहना चाहिए.
कितनी होनी चाहिए योग्यता एग्रीकल्चर साइंटिस्ट के लिए?
उम्मीदवार किसी भी विषय में किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या संस्थान से एग्रीकल्चर से संबंधित क्षेत्र में मास्टर्स डिग्री और पीएचडी उत्तीर्ण होना चाहिए. साथ ही, किसी मान्यता प्राप्त संस्थान में संबंधित कार्य का अनुभव रखने वालों को वरीयता दी जाती है.
आयु सीमा:
एग्रीकल्चर के क्षेत्र में जूनियर पदों पर सरकारी नौकरियों के लिए उम्मीदवार की अधिकतम आयु 40 वर्ष तक होती है. वरिष्ठ पदों के लिए अधिकतम आयु सीमा अधिक अलग हो सकती है. आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को अधिकतम आयु सीमा सरकार के नियमानुसार छूट प्रदान की जाती है.
चयन प्रक्रिया
एग्रीकल्चर साइंटिस्ट के पद पर उम्मीदवारों का चयन आमतौर पर शैक्षणिक रिकॉर्ड, लिखित परीक्षा और पर्सनल इंटरवयू के आधार पर किया जाता है. यदि संविदा के आधार पर नियुक्ति की जाती है तो उम्मीदवारों की शॉर्टलिस्टिंग शैक्षणिक रिकॉर्ड और पर्सनल इंटरव्यू के आधार पर ही किया जा सकता है.
वेतन / सैलरी:
एग्रीकल्चर साइंटिस्ट के पद पर रैंक या पे-बैंड के आधार पर सैलरी दी जाती है. एग्रीकल्चर साइंटिस्ट के पद पर छठें वेतन आयोग के पे-बैंड 4 के अनुरूप रु.37,400 – 67000 + ग्रेड पे 9000 के अनुसार सैलरी होती है. इसके अतिरिक्त गृह किराया भत्ता (एच.आर.ए.), परिवहन भत्ता, आदि देय होता है. वहीं, राज्य सरकारों के विभागों एवं संस्थानों में वेतनमान संबंधित राज्य के समकक्ष स्तर पर निर्धारित वेतनमान के अनुसार दिया जाता है जो कि राज्य के अनुसार अलग-अलग होता है.
नेशनल बैंक डेवलपमेंट असिस्टेंट-
नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (नाबार्ड) समय-समय पर डेवलपमेंट असिस्टेंट के पदों पर भर्ती के लिए अधिसूचाना जारी करता रहता है. इन पदों के लिए उम्मीदवार आवेदन ऑनलाइन कर सकते हैं. अलग-अलग राज्यों के हिसाब से पदों की अधिसूचना जारी की जाती है. इच्छुक उम्मीदवार अपने स्टेट, उम्मीदवार जिस राज्य का निवासी है, से आवेदन कर सकते हैं.
शैक्षिक योग्यता
इन पदों पर अप्लाई करने के लिए आवेदक का किसी भी मान्यता प्राप्त विवि से न्यूनतम 50 फीसदी अंकों के साथ ग्रेजुएट होना अनिवार्य है
आयु सीमा
उम्मीदवार की उम्र न्यूनतम 18 साल और अधिकतम 35 साल होनी चाहिए. वही विशेष श्रेणी के उम्मीदवारों को आयु सीमा में छूट का भी प्रावधान है. एससी, एसटी उम्मीदवारों को अधिकतम आयु सीमा में 5 साल, ओबीसी को 3 साल और दिव्यांग श्रेणी के उम्मीदवारों को 10 साल की छूट दी जाती है.
वेतनमान:
बेसिक पे 14,650 / - प्रति माह (दो अग्रिम वेतन वृद्धि सहित), पे स्केल 13150 -750 -15400 - 900 -19000 -1200-26200 -1300-28800-1480-33240 -1750 -34909 (20 वर्ष) और अन्य भत्ते. प्रारंभिक मासिक वेतन लगभग 31,000 / रूपये प्रति माह होगी.
चयन प्रक्रिया:
उम्मीदवारों का चयन प्रीलीमिनरी और मेन एग्ज़ाम के आधार पर किया जाता है. परीक्षाएं ऑनलाइन ही संपन्न होती हैं.
बैंक (एग्रीकल्चर फील्ड ऑफिसर) की क्या हैं जिम्मेवारी:
एग्रीकल्चर फील्ड से पढ़ाई पूरी करने के बाद आप आईबीपीएस की परीक्षा देकर सीधा बैंक में अधिकारी पद पर नियुक्त हो सकते है. इसमें आपको कृषि विभाग से सम्बंधित विभिन्न प्रकार के लोन को पास करना होगा, आशय यह है की किसी जरूरत मंद किसान या व्यक्ति द्वारा खेती सम्बन्धी लोन के लिए आवेदन किए जाने पर, सम्बंधित व्यक्ति को लोन दिया जाय या नहीं यह निर्णय एग्रीकल्चर फील्ड ऑफिसर को लेना होता है. इसके लिए अधिकारी को वास्तविक स्थति की जानकारी के लिए अलग अलग जगह पर जाना होटा है. इस पद पर आपको शुरु से ही अच्छा वेतन मिलेगा जो भविष्य के लिए अच्छा है.
योग्यता
एग्रीकल्चर फील्ड ऑफिसर पद के लिए उम्मीदवार ने एग्रीकल्चर / हॉर्टिकल्चर / एनिमल हसबेंडरी / वेटरनरी / डेयरी साइंस / फिशरी साइंस आदि से सम्बंधित कोर्स में चार साल की डिग्री प्राप्त की हो.
उम्र सीमा
न्यूनतम आयु 20 वर्ष और अधिकतम 30 वर्ष होनी चाहिए. (राज्य सरकार के नियमानुसार उम्मीदवारों को आयु में छूट प्रदान की जाती है.)
एग्रीकल्चरल ग्रेजुएट ट्रेनी
पद नाम: एग्रीकल्चरल ग्रेजुएट ट्रेनी
योग्यता: किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से बीएससी एग्रीकल्चर में चार साल की डिग्री.
पे स्केल: 15000-26250 रुपये प्रति माह
उम्र सीमा: अधिकतम 28 साल
शिक्षक:
कृषि क्षेत्र में एम.एस.सी या फिर पी.एच.डी करने के बाद आप शिक्षक बनकर भी अपना करियर बना सकते है. यह उन लोगों के लिए एक अच्छा ऑपशन है जो कृषि विभाग में पढ़ाई करना चाहते है साथ ही शिक्षक बनने का सपना भी पूरा करना चाहते है. इससे कृषि क्षेत्र को भी सहायता की जा सकेगी साथ ही आपका शिक्षक बनने का भी सपनी पूरा हो जाएगा.
एग्रीकल्चर साइंस ग्रेजुएट के लिए ग्रुप 'सी' जॉब्स
UP कृषि विभाग ग्रुप 'सी' के तकनीकी पदों पर भी एग्रीकल्चर साइंस ग्रेजुएटस की नियुक्ति करता है. ग्रुप 'सी' के तहत बीएससी (कृषि) या उसके समकक्ष डिग्री वालों को स्थाई नियुक्तियां प्रदान की जाती हैं. सभी नियुक्तियां अधीनस्थ चयन सेवा आयोग के माध्यम से की जाती हैं. व्राज्य सरकार कृषि विभाग के प्रसार तंत्र की क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से कृषि विभाग में खाली पड़े ग्रुप 'सी के तकनीकी पदों पर समय समय पर नियुक्तियां करता है.
इसमें बीएससी (आनर्स) कृषि, बीएससी उद्यान या बीएससी (आनर्स) उद्यान, बीएससी एग्रो फारेस्ट्री अथवा बीएससी (आनर्स) एग्रो फारेस्ट्री, बीटेक (कृषि अभियंत्रण) तथा कृषि विश्वविद्यालयों से बीएससी गृह विज्ञान में उत्तीर्ण अभ्यर्थी आवेदन करने के पात्र हैं. चयनित अभ्यर्थी विभाग में प्राविधिक सहायक या उसके समतुल्य पदों पर तैनात किए जाते हैं.
आजकल ऐसी कई बड़ी प्राईवेट कंपनी भी है जो कृषि क्षेत्र को बेहतर बनाने के लिए कोशिश में लगी हुई है. एग्रीकल्चर साइंस से पढ़ाई करने बाद आप किसी अच्छी कंपनी में जॉब कर सकते है.
भारत की लगभग 70 फीसदी जनसंख्या अभी भी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है, ऐसे में सरकार द्वारा जरूरी अधिरचनाओं का इस क्षेत्र में अधिक से अधिक विस्तार स्वाभाविक ही है. जिसका अर्थ है कि एग्रीकल्चर साइंस और उससे सम्बंधित विषयों में पढाई के लिए सहूलियतें और भी बढेंगी. पढाई पूरी कर आप सीधे ही खेती और इससे संबंधित गतिविधियों से जुडकर भारत की ग्रोथस्टोरी में भी कुछ नये अध्याय जोड़न एमे सक्षम होंगे.
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