UPPSC UPPCS Mains Exam 2012 General Hindi Question Paper

Aug 30, 2016, 17:45 IST

The UPPCS aspirants must go through the UPPCS Previous Year Questions before UPPSC Mains Exam 2016. It is very important to know the pattern of asking questions in UPPCS Mains Exam.

U.P.P.C.S. (Main) Exam – 2012
(Unsolved Question Paper)
सामन्य हिंदी
GENERAL HINDI

[ पूर्णाक : 150 अकं , निर्धारित समय : 3 घंटे ]

नोट : (i) सभी प्रश्न अनिवार्य हैं (ii) प्रत्येक प्रश्न के अंक उसके अन्त में अंकित हैं। (iii) पत्र अथवा प्रार्थना-पत्र आदि के अंत में अपना नाम अथवा पता एवं अनुक्रमांक न लिखें। आवश्यकता होने पर क, ख, ग अथवा x.y.z लिख सकते हैं।कोई अन्य नाम व पता भी न लिखे

1.    यदि मनुष्य को धर्म मार्ग पर आना है तो उसे इन्द्रिय-निग्रह करना ही होगा,क्योंकी इन्द्रियों से भिन्न मनुष्य कुछ है ही नही।इन्द्रियाँ खुल कर हरियाली चरती फिरें और मनुष्य का मन धर्म के मार्ग पर आरूढ़ रहे यह कल्पना ही परस्पर विरोधी है।या तो वह इन्द्रियो की दस्ता स्वीकार कर ले और जिधर-जिधर इन्द्रियाँ जाने को कहें उधर-उधर भागता फिरे। अथवा इन्द्रियों को वश में लाकर वह धर्म के पालन में तत्पर हो। इन्द्रियों की उल्लंघनता पशु-धर्म है और जो भी व्यक्ति इन्द्रियों को अनियंत्रित रखने का पक्षपाती है उसे यह भी मानना चाहिए कि मनुष्य पशु से भिन्न नही है न ओअशु से अधिक दूर भागने की उसे चेष्टा ही करनी चाहिए। किन्तु जो लोग यह मानते है की मनुष्य पशु से भिन्न प्राणी है,उन्हें इन्द्रिय-निग्रह को माने बिना चारा नही है,क्योंकि इन्द्रियों को नियंत्रण में रखकर ही मनुष्य पशुता से दूर जा सकता है। इन्द्रियों का उद्दाम नृत्य पशुता का प्रमाण है। इन्द्रियों को घाट में बाँधकर चलना ही मनुष्यता है मनुष्य की संस्क्रति है।

(क)    उपर्युक्त गघ का भावार्थ अपने शब्दों लिखिए।    05

(ख)    उपर्युक्त ग्घ्द्यांश के आधार पर धर्म और इन्द्रियनिगरह का अन्त: सम्बन्ध कीजिए।    05

(ग)    उपर्युक्त ग्घ्द्याश के रेखांकित अंशो की व्याख्या कीजिए।    20

2.    हिन्दी और अंग्रेजी इन दोनों भाषाओं का भारत के हिन्दी प्रदेशों के शिक्षित क्षेत्रो में खूब होता है। पढ़े लिखे लोग अधिकांश औपचारिक क्षेत्रों में अंग्रेजी का इस्तेमाल करते है। और अनौपचारिक क्षेत्रों में हिन्दी अंग्रेजी दोनों का। भारत में अनेक संदर्भो में अंग्रेजी का प्रयोग सहज और स्वाभाविक माना जाने लगा है। जो व्यक्ति हिन्दी का प्रयोग बहुलता से करता है उसे या तो देशभक्त नेता समझा जाता है। भाषा दुवेत की स्थिति में फँसा पढ़ा लिखा हिन्दी भाषी अनौपचारिक सन्दर्भो में हिन्दी-अंग्रेजी और स्थानीय बोलियों का मिला-जुला रूप प्रयोग में लता है। औपचारिक भाषा में बोलने या लिखने का अवसर आने पर हिन्दी भाषीयों की कठिनाई बहुत बढ़ जाती है और अपनी ही भाषा से उनका नाता ढीला पड़ने लगता है। अंग्रेजी समझने या उसमें अभिव्यक्त करने की उनकी गति एवं स्तर उतना प्रभावी नही होता जितना अपनी मातृभाषा में हो सकता है। स्थिति कुछ ईएसआई बनती जा रही ह की आज हिन्दी और अंग्रेजी दोनों में ही भाषियों का स्तर कमा चलाऊ-सा होता जा रहा है। न तो अंग्रेजी के बोलने या लिखने में प्रामणिकता और प्रांजलता है और न ही हिन्दी में।इस प्रकार’इतो नष्ट: ततो भ्रष्ट:’ वाली कहावत चरितार्थ होती दिखाई देती है।

(क)    ऊपर लिखे गये ग्घ्द्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।    05

(ख)    संक्षेपण एवं भावार्थ में क्या अन्तर है?    05

(ग)    उपर्युक्त अवतरण का संक्षेपण लिखिए।    20

3.    (क)    काल्पनिक विधानसभा में विधायक के त्यागपत्र देने के कारण रिक्त स्थान पर उपचुनाव की घोषणा से सम्बन्धीत अधिसूचना का प्रारूप प्रस्तुत कीजिए।    10

(ख)    उतर प्रदेश शासन की ओर से प्रदेश की समस्त मुख्य चिकित्साधिकारियों को पत्र लिखकर राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन सम्बन्धी प्रगति के विवरण की जानकारी माँगिये। यह पत्र किस प्रकार का होगा ?

4. (क)

(i)    निमनलिखित शब्दों में ‘उपसर्ग’और मूल शब्द अलग-अलग लिखिए:    05
अनुज, अधर्म, निमीलित, दुर्गम, उदण्ड

(ii)    निमनलिखित पदों में शब्द एवं प्रत्यय विभाजित करते हुए उनमें प्रयुक्त ’कृदन्त’ एवं ‘त्ध्दित’ प्रत्ययों का नामोल्लेख भी कीजिए:    05
हँसोड़,बोली,देवरानी,ठकुराइन,रायता

(ख)    निम्नलखित शब्दों के विलोम रूप लिखिए:    10
असली,उत्कर्ष,विधवा,कपटी,मुख्य,समास,सुशील,निरामिष,दीर्घ, प्रव्रत्ति

(ग)    निमनलिखित वाक्यांशों के लिए एक-एक शब्द लिखिए:    10

(i)    अन्य से सम्बन्ध न रखने वाला।
(ii)    वह कवि जो ततक्षण कविता कर सके।
(iii)    कही हुई बात को बार-बार कहना।
(iv)    जो आसानी से प्राप्त किया जा सके।
(v)    समान रूप से ठंडा और गरम।

(घ)    निमनलिखित वाक्यों की अशुद्धियाँ ठीक कर अशुधि के प्रकार का भी उल्लेख कीजिए:    5+5=10
(i)    वह स्त्री अपराधी है।
(ii)    आपके विवाह समारोह में सम्मिलित न होने पर मैं बहुत शोकाकुल हूँ।
(iii)    डाकुओं की मण्डली कल राम इधर से ही गुजरी थी।
(iv)    कुछ दिनों में आप द्वारा लगाया गया यह पौधा बड़ा विशाल वृक्ष बन जायेंगा।
(v)    बाजार में साप्ताहिक अवकाश सोमवार का रहता है।]

5.    निमनलिखित मुहावरों एव लोकोकित्यो का अर्थ स्पष्ट करते हुए उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए:    30
(i)    गंगा नहाना।    
(ii)    न तीन में न तेरह में।    
(iii)    घड़ों पानी पड़ना।    
(iv)    उतर गयी लोई तो क्या करेगा कोई।
(v)    कोयले की दलाली में हाथ काले।
(vi)    गूलर का फुल होना।
(vii)    घाट-घाटका पानी पीना।    
(viii)    भागते भट की लंगोटी भली।
(ix)    अन्धे पीसें कुते खायें।
(x)    फुल झड़ना।    

Jagran Josh
Jagran Josh

Education Desk

    Your career begins here! At Jagranjosh.com, our vision is to enable the youth to make informed life decisions, and our mission is to create credible and actionable content that answers questions or solves problems for India’s share of Next Billion Users. As India’s leading education and career guidance platform, we connect the dots for students, guiding them through every step of their journey—from excelling in school exams, board exams, and entrance tests to securing competitive jobs and building essential skills for their profession. With our deep expertise in exams and education, along with accurate information, expert insights, and interactive tools, we bridge the gap between education and opportunity, empowering students to confidently achieve their goals.

    ... Read More

    Get here latest School, CBSE and Govt Jobs notification and articles in English and Hindi for Sarkari Naukari, Sarkari Result and Exam Preparation. Empower your learning journey with Jagran Josh App - Your trusted guide for exams, career, and knowledge! Download Now

    Trending

    Latest Education News