हमारे देश में शिक्षक की भूमिका को हमेशा से बहुत अहम माना गया है. आज भी अगर हमारे भारत को विश्व गुरु कहा जाता है तो इसके पीछे हमारे देश की समृद्ध गुरु परम्परा हीं कारण है. एक समय था जब विश्व के कोने कोने से विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करने के लिए हिन्दुस्तान आते थे विश्व का सबसे पहला विश्व विद्यालय नालन्दा इस बात का गवाह है कि भारत ने हमेशा से ज्ञान बाँटने में अपनी पुनीत भूमिका निभाई है. अपनी इसी गरिमामय भूमिका के कारण आज भी हमारे यहाँ चंद बहुत हीं सम्मानित प्रोफेशनों में से टीचर का प्रोफेशन एक माना जाता है. यही कारण है कि बहुत अधिक पैसे न मिलने के बावजूद भी कितने हीं सिद्धान्तवादी युवा हैं जो आज की चकाचौंध भरी जॉब्स के बीच अपने लिए शिक्षक की भूमिका का हीं चुनाव करते हैं.
टीचिंग करिअर क्यों?
एक समय था जब हमारे यहाँ स्कूल और कोलेजों की संख्या कम हुआ करती थी और इसलिए गवर्नमेंट टीचर की वेकेंसी भी सीमित हुआ करती थी लेकिन आज समय बदल चुका है. आज आर्थिक उदारीकरण के बाद दूर दराज़ के छोटे पिछड़े गाँवों तक में स्कूल, कॉलेज और कई शिक्षा संस्थानें लगातार खुल रहे हैं इसी के साथ इन स्कूलों में पढ़ाने के लिए शिक्षकों की आवश्यकता भी दिनों दिन बढती जा रही है.
तो अगर आप भी टीचिंग लाइन में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं तो आज हम आपको बताएँगे कि इसके लिए क्या करना चाहिए. टीचर बनने के लिए इंटर, ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के स्तर पर बहुत से कोर्स हैं जिन्हें आप अपनी पसंद और योग्यता के अनुसार अपने लिए चुन सकते हैं. तो आइए जानते हैं ऐसे कुछ कोर्स के बारे में जिसे कम्प्लीट कर आप टीचर बनने के अपने सपने को साकार कर सकते हैं.
टीचर बनने के लिए आवश्यक कोर्स:
1. बीएड या बैचलर ऑफ़ एजुकेशन - टीचर बनने के लिए यह सबसे लोकप्रिय कोर्स है जिसकी अवधि दो साल की होती है इस कोर्स को करने के बाद आप प्राइमरी, अपर प्राइमरी तथा हाई स्कूल में शिक्षण कार्य के लिए एलिजिबल हो जाते हैं.
2.बीटीसी या बेसिक ट्रेनिंग सर्टिफिकेट - यह कोर्स केवल उत्तर प्रदेश राज्य के अभ्यर्थी हीं कर सकते हैं. इस कोर्स को करने के बाद कैंडिडेट प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूल में शिक्षण कार्य के लिए एलिजिबल हो जाते हैं.
3. एनटीटी या नर्सरी टीचर ट्रेनिंग - इस कोर्स के लिए कैंडिडेट का 12 वीं पास होना जरुरी है. साथ हीं आयु सीमा 18 से 30 के बीच हीं होनी चाहिए. इस कोर्स को करने के बाद कैंडिडेट प्राइमरी टीचर बनने के लिए एलिजिबल हो जाते हैं.
4. बीपीएड या बैचलर इन फिजिकल एजूकेशन - इस कोर्स में केवल वही कैंडिडेट दाखिला ले सकते हैं जिन्होंने 12 वीं में फिजिकल एजूकेशन को एक सब्जेक्ट के तौर पर लेकर पढाई की हो. योग्यता स्नातक है. आज कल फिजिकल एजूकेशन के टीचर्स के लिए बड़ी संख्या में अवसर उभर कर आ रहे हैं.
5. जेबीटी या जूनियर टीचर ट्रेनिंग - इस कोर्स को करने के लिए न्यूनतम योग्यता 12 वीं पास है. इस कोर्स को करने के बाद कैंडिडेट प्राइमरी स्कूल में शिक्षण कार्य के लिए एलिजिबल हो जाता है.
6. डीएड या डिप्लोमा इन एजूकेशन - यह दो साल का कोर्स है जो बिहार और मध्य प्रदेश में प्राइमरी टीचर बनने के लिए कराया जाता है. इस कोर्स को करने के लिए न्यूनतम योग्यता 12 वीं पास है.
योग्यता मानदंड:
योग्यता - वैसे तो गवर्नमेन्ट टीचर बनने के लिए न्यूनतम योग्यता स्नातक है लेकिन एक स्नातक कैंडिडेट तब तक गवर्नमेन्ट टीचर जॉब के लिए आवेदन नहीं कर सकता जब तक उसके पास स्नातक के साथ साथ B.Ed,BTC,NTTया उपरोक्त वर्णित में से कोई डिग्री न हो. ऐसे अभ्यर्थी जो गवर्नमेन्ट टीचर बनना चाहते हैं के लिए टीचर्स ट्रेनिंग आवश्यक है. B.Ed समेत टीचर की जॉब के लिए आवश्यक कोई भी डिग्री के बाद आपको सबसे पहले यह फैसला करना चाहिए कि आप टीचिंग के लिए किस लेवल के जॉब में जाना चाहते हैं प्राइमरी लेवल, अपर प्राइमरी लेवल, इन्टर कॉलेज आदि में से पहले आपको अपने मन का लेवल चुनना चाहिए. इसके बाद उसी हिसाब से आवेदन करना चाहिए.
अब जानते हैं कि किस कोर्स को करने के बाद किस स्टेंडर्ड की टीचिंग की जा सकती है. तो PRT टीचर पांचवीं क्लास तक को पढ़ा सकते हैं जबकि TGT दसवीं कक्षा तक. PGT उच्च कक्षाओं जैसे ग्यारहवीं व बारहवीं के विद्यार्थियों को पढ़ाते हैं. TGT और PGT यह दोनों परीक्षाएँ राज्य स्तर पर आयोजित की जातीं हैं. विभिन्न गवर्नमेन्ट स्कूलों में टीचर के लिए अनेकों रिक्तियाँ निकलती रहती हैं जैसे - नवोदय विद्यालय समिती, केन्द्रीय विद्यालय समिती, आर्मी पब्लिक स्कूल, स्टेट गवर्नमेंट कॉलेज, प्राइवेट कॉलेज आदि कैंडिडेट को इन वेकेन्सियों में से अपने मन और योग्यता के अनुसार गवर्नमेन्ट टीचर पद के लिए आवेदन करते रहना चाहिए.
क्या है TET
गवर्नमेन्ट टीचर बनने के लिए TET या टीचर इलीजिबिलिटी टेस्ट सबसे पहला स्टेप है. कई राज्यों के हाई कोर्ट ने यह बात स्पष्ट कर दी है कि बगैर टीचर एलीजिबिलिटी टेस्ट के आप किसी भी गवर्नमेन्ट स्कूल में टीचर नहीं बन सकते. स्नातक या परास्नातक तथा टीचर ट्रेनिंग सर्टिफिकेट के बाद कैंडिडेट को CTET (सेन्ट्रल टीचर एलीजिबिलिटी टेस्ट) & TET (टीचर एलीजिबिलिटी टेस्ट) के लिए प्रिप्रेशन शुरू कर देना चाहिए क्योंकि न केवल गवर्नमेन्ट स्कूल बल्कि बहुत से प्राइवेट व पब्लिक स्कूल भी आजकल अपने यहाँ टीचर की नियुक्ति की सेलेक्शन प्रक्रिया में TET को अनिवार्य कर दिया है.
योग्यता -
PRT के लिए B.L.Ed
TGT के लिए B.Ed
PGT के लिए पोस्ट ग्रेजुएशन
सैलरी -
PRT -9,300 से 34,800 प्लस 4200 ग्रेड पे
TGT - 9,300 से 34,800 प्लस 4600 ग्रेड पे
PGT - 9,300 से 34,800 प्लस 4800 ग्रेड पे
शिक्षकों को राज्य स्तरीय स्कूलों में कैरियर की शुरुआत में ज्यादा आकर्षक सैलरी नहीं मिलती है. उन्हें मात्र दस हज़ार से बीच हज़ार के बीच हीं पैसे मिलते हैं किन्तु कार्य का अनुभव जैसे जैसे बढ़ता जाता है उन्हें वेतन भी अच्छा खासा मिलने लगता है वैसे सेन्ट्रल स्कूलों या प्राइवेट स्कूलों में टीचर को काफी हैण्डसम सैलरी दी जाती है.
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