केन्द्रीय कर्मचारी के वेतन में अगस्त माह से वृद्धि होने की सम्भावना है. अगर हम वेतन वृद्धि से सम्बन्धित सिफारिशों के आधार पर वेतन में हुयी बढ़ोतरी का हिसाब लगायें तो अगर किसी कर्मचारी की वर्तमान में बेसिक वेतन 7 हजार रुपया है तो सिफारिश के बाद यह 18 हजार हो जाएगी. इस फैसले से 47 लाख कर्मचारयों एवं 52 लाख पेंशनधारियों को लाभ मिलेगा.
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने से सम्बन्धित चर्चा एवं फैसले के लिए सरकार द्वारा पहल करते हुए सचिव स्तरीय बैठक की गयी है. इस बैठक में कर्मचारियों को इस वर्ष के अगस्त महीने में एरियर के साथ सैलरी देने पर चर्चा हुयी है.
जस्टिस एके माथुर की अध्यक्षता में 2014 में गठित सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें आने के बाद से ही इसके लागू होने को लेकर कई तरह की अटकलबाजियां चल रही थी. एक बार फिर इसके लागू होने की अवधि करीब आने और सरकारी महकमों के इसको लेकर उच्च स्तरीय बैठक होने से यह चर्चा में है. उल्लेखनीय है कि आयोग ने 01 जनवरी 2016 से ही वेतन वृद्धि से सम्बन्धित सिफारिश की थी.
दो सिफारिशों की वजह से यह ज्यादा ही चर्चा में रही है पहली सरकारी कर्मियों के बेसिक वेतन वृद्धि से सम्बन्धित एवं दूसरी पेशनर्स को मिलने वाली पेंशन में वृद्धि से सम्बन्धित है. अगर यह लागू हो जाता है तो सरकारी कर्मियों के वेतन में ढाई गुणा एवं पेंशन में 24 प्रतिशत की वृद्धि हो जाएगी.
वर्तमान में बेसिक सैलरी एवं बढ़ोतरी के बाद बेसिक सैलरी निम्न तालिका में प्रदर्शित है-
वर्तमान बेसिक सैलरी | सिफारिश के बाद |
7000 रुपया | 18000 रुपया |
13500 रुपया | 40500 रुपया |
21000 रुपया | 63000 रुपया |
46100 रुपया | 220000 रुपया |
9000 रुपया | 250000 रुपया |
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उपर्युक्त आंकड़ों को देखते हुए ही यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि अगर सरकारी कर्मचारियों के लिए बेसिक वेतन वृद्धि से सम्बन्धित सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू कर दी जाति है तो ये उनके लिए बढती महंगाई के दौर में कितनी बड़ी खुशखबरी होगी.
क्या है वेतन आयोग एवं सातवाँ वेतन आयोग:
केंद्र सरकार केंद्रीय वेतन आयोग का गठन कर्मचारियों के वेतनमान, सेवा निवृत्ति के लाभ और अन्य सेवा शर्तों संबंधी मुद्दों पर विचार करने के लिए समय-समय पर करती है. वेतन आयोग का गठन हर दस वर्ष पर किया जाता है और गौरतलब है कि प्रत्येक राज्य अपनी सुविधा के अनुसार उसे कुछ संसोधनो के साथ अपनाते हैं. ज्ञात हो कि प्रथम वेतन आयोग का गठन मई 1946 में श्रीनिवास वरदाचारी की अध्यक्षता में किया गया था. और उस से अब तक 6 और वेतन आयोग का गठन किया जा चुका है.
केंद्र सरकार ने सितम्बर 2013 में सातवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी प्रदान कर दी थी. सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश अशोक कुमार माथुर इसके अध्यक्ष नियुक्त हुए. पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस सचिव विवेक रॉय इसके पूर्णकालिक सदस्य निदेशक तथा राष्ट्रीय सार्वजानिक वित्त नीति संस्थान के रतीन रॉय अंशकालिक नियुक्त हुए. व्यय विभाग की विशेष कार्य अधिकारी मीना अग्रवाल वेतन पैनल की सचिव बनायी गयीं थी.
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