चुनावी वर्ष में सरकार ने आइएएस, आइपीएस समेत अन्य उच्च सेवाओं के अधिकारी बनने की महत्वाकांक्षा पाले बैठे छात्रों-युवाओं को लुभाने के लिए सोमवार को अहम कदम उठाया। उसने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा संचालित सिविल सर्विसेज परीक्षा में शामिल होने वाले सभी श्रेणी के लाखों परीक्षार्थियों को दो और मौके देने का निर्णय किया है। इससे सामान्य व ओबीसी श्रेणी के प्रतियोगी छात्र लाभान्वित होंगे। सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों को अब जहां इस प्रतिष्ठित परीक्षा में बैठने के चार की जगह छह मौके मिलेंगे। वहीं ओबीसी श्रेणी के प्रतियोगी 7 की बजाय 9 बार किस्मत आजमा सकेंगें। अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी के अभ्यर्थियों को निर्धारित उम्र तक इस परीक्षा में शामिल होने के असीमित मौके पहले से ही हासिल है।
कार्मिक मंत्रलय के आदेश के अनुसार, केंद्र सरकार ने सभी श्रेणी के अभ्यर्थियों को परीक्षा में बैठने के दो और मौके देना मंजूर किया है। यह व्यवस्था 24 अगस्त 2014 को होने वाली सिविल सर्विसेज परीक्षा (प्रारंभिक) से ही लागू होगी। ज्ञात हो, आइएएस,आइपीएस,आइएफएस समेत अन्य उच्च सेवा के अफसरों के चयन के लिए यूपीएससी हर वर्ष सिविल सर्विसेज परीक्षा आयोजित करता है, जो तीन चरणों (प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार) में संपन्न होती है। अब तक सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों को परीक्षा में बैठने के चार मौके दिए जाते थे। 2013 की परीक्षा अधिसूचना के अनुसार, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के प्रतियोगियों को सात मौके मिलते थे।
21 से तीस वर्ष से कम उम्र का कोई भी अभ्यर्थी इस परीक्षा में बैठ सकता है। एससी/एसटी अभ्यर्थियों को उम्र सीमा में अधिकतम पांच वर्ष और ओबीसी को तीन साल की छूट है। अगर कोई प्रतियोगी 1 जनवरी, 1980 से 31 दिसंबर, 1989 तक जम्मू-कश्मीर में रहा हो तो उसे भी पांच वर्ष तक की छूट मिलेगी। नेत्रहीन, मूक-बधिर और अपंग अभ्यर्थियों को अधिकतम उम्र सीमा में दस वर्ष तक की छूट प्रदान की गई है। अभियान के दौरान अपंग हुए सैन्य कर्मियों के लिए भी उम्र सीमा में तीन वर्ष तक छूट मिलेगी।
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