इन दिनों इंश्योरेंस सेक्टर में ट्रेंड प्रोफेशनल की काफी कमी है। इस कमी को दूर करने के लिए सरकारी से लेकर निजी इंश्योरेंस कंपनियां विभिन्न शिक्षण-संस्थानों से शैक्षिक साझेदारी कर रही है। यदि आप कम समय में इस तरह के कोर्स की तलाश में हैं, जिसे करने के बाद नौकरी मिलने में आसानी हो, तो इंश्योरेंस सेक्टर का शॉर्ट टर्म कोर्स बेहतर विकल्प हो सकता है।
कोर्स की अवधि
उपर्युक्त कोर्सेज न्यूनतम तीन महीने से लेकर अधिकतम 18 महीने तक किए जा सकते हैं। एजेंट बनने के लिए इंश्योरेंस एजेंट का कोर्स भी किया जा सकता है। इसकी अवधि 100-150 घंटे की होती है।
फायदेमंद कोर्स
पॉलिसी बाजार डॉट कॉम के सीईओ याशीष दाहिया के अनुसार, यदि आप बेहतर करियर चाहते हैं, तो आपको कम से कम बारह महीने का कोर्स करना चाहिए।
इसका फायदा यह होता है कि आप बारह महीने उस कोर्स के संबंध में बेहतर जानकारी प्राप्त कर लेंगे और मार्केट के हिसाब से खुद को अपडेट करने में भी सक्षम हो पाएंगे। इससे कम अवधि के कोर्स उनके लिए फायदेमंद हो सकते हैं, जो कहीं जॉब कर रहे हैं।
कैसे पाएं एंट्री
बारहवीं के बाद ही इंश्योरेंस सेक्टर में एंट्री हो सकती है। यदि आप कॉमर्स से ग्रेजुएट हैं, तो आपको बेहतर कोर्स करने का मौका मिलेगा। इस कोर्स में एडमिशन के लिए कहीं प्रवेश परीक्षा, तो कहीं अंकों के आधार पर होता है।
अधिक जानकारी के लिए बेहतर होगा कि आप संबंधित संस्थान कीवेबसाइट जरूर देखें। इस वेबसाइट के माध्यम से संस्थान के बारे में सभी जानकारी मिल जाएगी।
फ्यूचर प्रॉस्पेक्ट्स
विशेषज्ञों के अनुसार, इस सेक्टर में नई-नई कंपनियों के साथ-साथ बहुराष्ट्रीय कंपनियां आने की वजह से करियर की भरपूर संभावनाएं दिख रही हैं। पिछले दिनों रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर राकेश मोहन की अध्यक्षता में बीमा क्षेत्र में गठित समिति ने कहा है कि घरेलू बीमा कंपनी को पेशेवर लोगों की कमी का सामना करना पड रहा है।
दाहिया के अनुसार, इंश्योरेंस के क्षेत्र में पेशेवर लोगों की कमी को देखते हुए कुछ कंपनियां शैक्षणिक संस्थानों के साथ समझौता कर रही हैं। देश की प्रमुख बीमा कंपनी एलआईसी और जीआईसी ने सीबीएसई के साथ बारहवीं में वोकेशनल कोर्स के अंतर्गत इंश्योरेंस सब्जेक्ट पढाने के लिए समझौता किया है।
निजी इंश्योरेंस कंपनी मैक्स न्यूयार्क लाइफ ने सिम्बायोसिस इंस्टीटयूट ऑफ डिस्टेंस लर्निग के साथ भी इसी तरह का समझौता किया है। इसके अलावा, कंपनी ने पीजी डिप्लोमा कोर्स के लिए मुंबई के स्कूल ऑफ कॉमर्स ऑफ एनएमआईएमएस यूनिवर्सिटी और पंजाब कॉलेज ऑफ टेक्निकल एजुकेशन के साथ गठजोड किया है।
एचडीएफसी स्टैंडर्ड लाइफ ने मणिपाल अकादमी और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल ने 10 महीने के एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम के लिए आईआईएम कोलकाता से समझौता किया है, जबकि मेटलाइफ ने भी डीयू से हाथ मिलाया है।
प्रमुख इंश्योरेंस कंपनियां
एक अनुमान के मुताबिक, भारत में सरकारी और निजी क्षेत्र मिलाकर कुल तीस से अधिक इंश्योरेंस कंपनियां हैं। इसमे एलआईसी, जीआईसी के अलावा आईसी आईसीआई प्रूडेंशियल, ओम कोटेक महिंद्रा, बिरला सन लाइफ, टाटा एआईएफ लाइफ, एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस, एचडीएफसी स्टैंडर्ड, रिलायंस, मैक्स न्यूयार्क लाइफ, आईएनजी वैश्य लाइफ आदि प्रमुख हैं।
क्या कहती है रिपोर्ट
एक रिपोर्ट के मुताबिक, एलआईसी अपनी कामकाजी क्षमता को बढाने के लिए मार्च, 2011 तक 11 लाख एजेंटों की भर्ती करेगा। रिलायंस लाइफ 90 हजार एजेंट और 2,500 मैनेजरों को भर्ती करने की प्रक्रिया में है। आने वाले दिनों में बीमा कंपनियों में तीन लाख फाइनेंशियल प्लानिंग एडवाइजरों और तीस हजार मैनेजरों की जरूरत पडेगी।
प्रमुख संस्थान
इंश्योरेंस इंस्टीटयूट ऑफ इंडिया
www.insuranceinstituteofindia
नेशनल इंश्योरेंस एकेडमी,
www.niapune.com
आईआईआरएम,
www.iirmworld.org.in
आईआईआईएफ,
www.iiif.ac.in
अन्नामलाई यूनिवर्सिटी,
www.annamalaiuniversity.ac.in
तमिलनाडु डॉ.अम्बेडकर लॉ यूनिवर्सिटी,
www.tndalu.org
पांडिचेरी यूनिवर्सिटी,
www.pondiuni.orgu
प्रमुख शॉर्ट टर्म कोर्सेज
शैक्षणिक संस्थानों ने कंपनियों के साथ मिलकर पोस्ट ग्रेजुएट स्तर के कोर्स शुरू किए हैं। इन कोर्सो की अवधि तीन महीने से लेकर एक साल तक की है। इसके अलावा शॉर्ट टर्म कोर्सेज के अंतर्गत बहुत सारे ऑप्शन हैं। इनमें से किसी एक का चुनाव आप अपनी सुविधा के अनुसार कर सकते हैं। प्रमुख शॉर्ट टर्म कोर्सेज हैं:
सर्टिफिकेट कोर्स इन सर्टिफाइड एजेंट्स
सर्टिफिकेट कोर्स इन ब्रोकर ट्रेनिंग
पीजी डिप्लोमा इन इंश्योरेंस
डिलोमा इन इंश्योरेंस मैनेजमेंट
पीजी डिप्लोमा इन जनरल इंश्योरेंस लॉ ऐंड प्रैक्टिस
पीजी डिप्लोमा इन इंश्योरेंस मैनेजमेंट
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