बेहतर रणनीति से बनेगी बात

Aug 2, 2011, 18:54 IST

आइएस की परीक्षा काफी प्रतिष्ठित है। इसलिए मैनेजमेंट, आइआइटी व मेडिकल प्रोफेशन से काफी संख्या में स्टूडेंट्स इस परीक्षा को देते हैं और सफल भी होते हैं

आइएस की परीक्षा काफी प्रतिष्ठित है। इसलिए मैनेजमेंट, आइआइटी व मेडिकल प्रोफेशन से काफी संख्या में स्टूडेंट्स इस परीक्षा को देते हैं और सफल भी होते हैं। यदि आप भी प्रारंभिक परीक्षा के रिजल्ट को लेकर आश्वस्त हैं, तो अभी से जीएस की तैयारी के लिए उचित रणनीति बना सकते हैं। सिविल सेवा परीक्षा में दो वैकल्पिक विषयों के अलावा सामान्य अध्ययन के प्रश्नपत्र का महत्वपूर्ण योगदान होता है। इन प्रश्नपत्रों में बेहतर अंक पाने के लिए सिलेबस का सूक्ष्म विश्लेषण आवश्यक है। इससे अभ्यर्थियों को तैयारी करने में आसानी होती है और कम समय में अच्छे अंक प्राप्त किए जा सकते हैं।

प्रथम प्रश्नपत्र

आधुनिक भारत का इतिहास (60)

भारत का भूगोल (40)

भारत का संविधान (100)

राष्ट्रीय समकालीन मुद्दे एवं सामाजिक समस्याएं (100)

द्वितीय प्रश्नपत्र

भारत एवं विश्व संबंध (80)

भारत का विश्व के साथ परस्पर आर्थिक क्रिया (70)

अंतर्राष्ट्रीय मामले एवं संस्थाएं (35)

विज्ञान प्रौद्योगिकी (85)

सांख्यिकी (30)

खुद को रखें अपडेट

सामान्य अध्ययन के प्रश्नों में स्वरूप एवं शब्द सीमा में परिवर्तन हुए हैं। इस दृष्टि से आवश्यक है कि अभ्यर्थी नए ट्रेंड का विश्लेषण कर तैयारी में अपेक्षित बदलाव लाएं और उसके अनुरूप विषयों पर फोकस एवं समय प्रबंधन की कुशल रणनीति बनाएं। जैसे-आधुनिक भारत के इतिहास में पहले सामान्यत: 90 अंक के प्रश्न पूछे जाते थे, किंतु वर्ष 2008 में इस विषय से कुल 60 अंक के प्रश्न ही पूछे गए। वर्ष 2008 से पहले 250, 150 और 20 शब्दों के अपेक्षित उत्तर वाले क्रमश: एक, दो और 15 प्रश्न करने होते थे, लेकिन अब इसमें भी कुछ संशोधन हुए हैं। पिछले वर्ष के प्रश्नों के ट्रेंड को देख बेहतर तैयारी की जा सकती है।

विश्लेषण

सामान्य अध्ययन के प्रथम प्रश्नपत्र में आधुनिक भारत के इतिहास के अंतर्गत सामान्यत: वर्ष 1850 के बाद के महत्वपूर्ण घटनाक्रम, स्वतंत्रता संघर्ष के विकास के चरण व संगठनों की भूमिका, महात्मा गांधी सहित तमाम नेताओं के वैचारिक पहलू तथा ब्रिटिश उपनिवेश का भारत पर प्रभाव आदि से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। भूगोल के अंतर्गत भारत के भूगोल से संबंधित प्रश्न होते हैं। इसके अलावा भारत के संविधान के मूल तत्व एवं समकालीन भारतीय राजनीतिक व्यवस्था तथा समकालीन सामाजिक मुद्दे से प्रासंगिक प्रश्न पूछे जाते हैं। द्वितीय प्रश्न पत्र के अंतर्गत भारत और विश्व के तहत पडोसी व अन्य महत्वपूर्ण देशों के साथ राजनीतिक, आर्थिक एवं कूटनीतिक संबंधों के परिप्रेक्ष्य में प्रासंगिक व समकालीन मुद्दों से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। विश्व के देशों के साथ पारस्परिक आर्थिक क्रिया के अंतर्गत विभिन्न देशों के व्यापारिक संगठनों व वैश्विक संस्थाओं के साथ आर्थिक संबंधों पर आधारित प्रश्न होते हैं। विज्ञान प्रौद्योगिकी में भारत एवं विश्व के प्रौद्योगिकी विकास और उनके अप्लॉइड आस्पेक्ट्स से संबंधित प्रश्न होते हैं। सांख्यिकी में माध्य, माध्यिका, बहुलक तथा आंकडों के ग्राफिक्स, प्रस्तुतिकरण व सारणीबद्धता से संबंधित प्रश्न ही सामान्यत: पूछे जाते हैं।

मुख्य पुस्तकें

स्वतंत्रता संघर्ष : विपिन चंद्रा

12वीं की आधुनिक भारत के इतिहास की एनसीईआरटी

भारत का भूगोल: एनसीईआरटी की पुस्तकें

भारतीय राज व्यवस्था

एनसीईआरटी की पुस्तक

भारतीय लोकतंत्र : समस्याएं एवं चुनौतियां सुभाष कश्यप

एनसीईआरटी की पुस्तक - कार्यरूप में संविधान

भारत और विश्व : एनसीईआरटी की पुस्तक समकालीन विश्व की राजनीति : भारत का आर्थिक विकास (एनसीईआरटी)

सांख्यिकी : एनसीईआरटी की 11वीं कक्षा की सांख्यिकी की पुस्तक इन बातों का रखें ध्यान

उत्तर लेखन के अभ्यास पर विशेष ध्यान दें।

समय प्रबंधन एवं शब्द सीमा का खास ख्याल रखें।

20 शब्दों के अपेक्षित उत्तर वाले प्रश्नों में शब्द सीमा का खास ख्याल रखें। इनमें प्रत्येक में 10 शब्द अतिरिक्त खर्च होने पर दो दीर्घ उत्तरीय प्रश्न का समय खपत हो जाता है।

बाजार में उपलब्ध अनावश्यक पाठ्य सामग्री से सतर्क रहें और स्तरीय कोचिंग संस्थानों से सलाह व स्तरीय नोट्स पढना काफी श्रेयस्कर होगा।

मुख्य परीक्षा में लेखन शैली एवं सारगर्भित प्रस्तुतीकरण प्रमुख होता है।

संक्षिप्त नोट्स बनाने एवं महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर लेखन का फॉरमेटिंग करना, रिविजन एवं प्रस्तुतीकरण में काफी सहायक सिद्ध हो सकता है।

विजय झा

Jagran Josh
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Education Desk

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